संस्कृति एवं समाज Sanskriti Aur Samaj

संस्कृति एवं समाज संस्कृति एवं समाज लोगों का एक ऐसा समूह जिसकी संस्कृति समान होती है, समाज कहलाता है । व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति अकेला नहीं कर पाता है। इसलिए उसे दूसरों का सहयोग प्राप्त करना पड़ता है तथा सहयोग देना भी पड़ता है। अतः सामाजिक संबंध अमूर्त होते हैं। व्यक्ति व समाज एक … Read more

संचार माध्यम और लोकतंत्र

संचार माध्यम और लोकतंत्र संचार माध्यम और लोकतंत्र * संचार माध्यम का अर्थ :— मीडिया अंग्रेजी शब्द मीडियम से बना है जिसका अर्थ होता है — ‘माध्यम’।विचारों और सूचनाओं के आदान-प्रदान की प्रणाली को हम ‘संचार माध्यम’ या ‘मीडिया’ कहते हैं।रेडियो, दूरदर्शन, सिनेमा , समाचार, पत्र – पत्रिकाएं टेलीफोन , कंप्यूटर आदि मीडिया के विभिन्न … Read more

सरकार और लोक कल्याण

सरकार और लोक कल्याण सरकार और लोक कल्याण नागरिकों की रक्षा, कानून व्यवस्था एवं न्याय व्यवस्था के साथ-साथ लोक कल्याणकारी कार्य करना भी सरकार का दायित्व माना जाने लगा है। लोक कल्याण लोकतांत्रिक सरकार द्वारा ही संभव है। आजकल की सरकारें लोकतांत्रिक एवं जनकल्याणकारी सरकारी होती है। सरकार का प्रत्येक स्तर लोक कल्याणकारी कार्यक्रमों का … Read more

Rajya Sarkar राज्य सरकार

Rajya Sarkar राज्य सरकार Rajya Sarkar राज्य सरकार भारत गणराज्य 29 राज्यों ( प्रांतीय संघीय इकाइयों) और 9 केंद्र शासित संघ राज्य क्षेत्र (Union territories)का एक संघ ( Union)है। भारत सरकार ही संघ या केंद्र सरकार ( Union government)के नाम से जानी जाती है। केंद्र या भारत सरकार मतदान द्वारा तीन स्तरों की सरकार चुनते … Read more

राजस्थान का सामाजिक आर्थिक और प्रौद्योगिकी विकास

राजस्थान का सामाजिक आर्थिक और प्रौद्योगिकी विकास राजस्थान का सामाजिक , आर्थिक और प्रौद्योगिकी विकास राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य है । इसका क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग किलोमीटर है। राजस्थान के विकास हेतु सरकार द्वारा शिक्षा, चिकित्सा, उर्जा, सड़क ,जल, कृषि ,उद्योग ,प्रौद्योगिकी, परिवहन आदि क्षेत्रों में सराहनीय कार्य किए जा … Read more

हमारे मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य

हमारे मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य हमारे मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य हमारे संविधान में व्यक्ति के भौतिक , नैतिक बौद्धिक एवं आध्यात्मिक रूप से चहुँमुखी विकास के लिए अधिकारों की व्यवस्था की गई है। यह अधिकार सरकार की कठोर नियमों के विरुद्ध नागरिकों की आजादी की सुरक्षा करते हैं। ‘ अधिकार ‘ संविधान के अंतर्गत नागरिकों … Read more

हमारा संविधान

हमारा संविधान हमारा संविधान किसी देश की शासन व्यवस्था के संचालन के लिए नियमों तथा कार्यविधि की आवश्यकता होती है। सरकार के गठन , नागरिकों के अधिकार एवं कर्तव्य आदि की रूपरेखा इन्हीं नियमों के द्वारा निश्चित ही जाती है। इन नियमों कानूनों के द्वारा सरकार और जनता के बीच संबंध तथा जनता में भी … Read more

विकास की अवधारणा

विकास की अवधारणा विकास की अवधारणा विश्व के देशों को आर्थिक दृष्टि से दो भागों में बांटा जाता है। 1. विकसित देश 2. विकासशील देश 1. विकसित देशो की श्रेणी में वे देश आते हैं, जहाँ औद्योगिक विकास तीव्र गति से होने की कारण लोगों की आय में वृद्धि हुई और भौतिक सुख सुविधाएँ प्रचुर … Read more

सामाजिक न्याय

सामाजिक न्याय सामाजिक न्याय हम बच्चों को सड़क किनारे बने ढाबों, चाय की दुकानों ऑटोमोबाइल वर्कशॉप, आदि स्थानों पर काम करते हुए पाते हैं। अनेक बच्चों को हम शहरों में ट्रैफिक लाइट के इर्द-गिर्द भीख मांगते हुए भी देखते हैं । यह बच्चे या तो शिक्षा से वंचित रहे हैं , या फिर अपने कामकाजी … Read more

समकालीन भारतीय समाज

 समकालीन भारतीय समाज समकालीन भारतीय समाज भारतीय सामाज एक विविधतायुक्त समाज है। भारत में विभिन्न में लोगों , जातियों और समुदायों के बीच एक अनोखी समानता एवं एकता हमेशा विद्यमान रही है । भारतीय समाज एवं संस्कृति का इतिहास बहुत प्राचीन है। भारतीय सामाजिक जीवन एक गतिशील समाज है । समाज में परिवर्तनशीलता के साथ-साथ … Read more

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