राजस्थान का सामाजिक आर्थिक और प्रौद्योगिकी विकास

राजस्थान का सामाजिक आर्थिक और प्रौद्योगिकी विकास

राजस्थान का सामाजिक , आर्थिक और प्रौद्योगिकी विकास

राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य है ।
इसका क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग किलोमीटर है।
राजस्थान के विकास हेतु सरकार द्वारा शिक्षा, चिकित्सा, उर्जा, सड़क ,जल, कृषि ,उद्योग ,प्रौद्योगिकी, परिवहन आदि क्षेत्रों में सराहनीय कार्य किए जा सकते हैं ।
पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से कृषि , उद्योग, सेवाओं के साथ-साथ आर्थिक व सामाजिक क्षेत्र में निरंतर प्रगति हो रही है।
राजस्थान के विकास को निम्नलिखित बिंदुओं से समझ सकते हैं:–
* सामाजिक विकास :– सामाजिक विकास से संबंधित विभिन्न घटकों जैसे शिक्षा, चिकित्सा, आवास ,सामाजिक सुरक्षा, स्वच्छता आदि के विकास हेतु सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से विकास के सतत् प्रयास किए जा रहे हैं।
* राजस्थान के सामाजिक विकास को निम्नलिखित बिंदुओं के द्वारा समझा जा सकता है :–
1. शिक्षा और साक्षरता :– मानव के विकास के लिए शिक्षा अति महत्वपूर्ण है । शिक्षा व्यक्ति की उत्पादकता, रचनात्मकता को बढ़ाती है ।
शिक्षा के विस्तार हेतु सतत् शिक्षा साक्षरता कार्यक्रम, सर्व शिक्षा अभियान , राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान , साक्षर भारत मिशन आदि सरकारी योजनाएं चलाई जा रही है।
1951 में राजस्थान में साक्षरता प्रतिशत 8. 02% था, जो सन् 2011 में 66.17% हो गया।
राजस्थान में महिला शिक्षा के विस्तार के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं । राज्य में “नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009” दिनांक 1 अप्रैल 2011 से लागू किया गया है । जिसमें 6 से 14 वर्ष तक के प्रत्येक बालक – बालिका के लिए प्रारंभिक शिक्षा को नि:शुल्क प्राप्त करने का कानूनी अधिकार दिया गया है।
शिक्षा के गुणवत्तापूर्ण सार्वजनिकरण हेतु राज्य की प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर आदर्श विद्यालय योजना प्रारंभ की गई है । शिक्षा में गुणवत्ता वृद्धि हेतु “(एस. आई. क्यू.ई.) स्टेट इनिशिएटिव फॉर क्वालिटी एजुकेशन “कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
राजस्थान में महिला एवं पुरुषों की साक्षरता दर :–
वर्ष महिला पुरुष कुल
1951 2.51 13.09 8.02
1961 5.82 23.71 15.21
1971 8.46 28.74 19.07
1981 11.42 36.30 24.38
1991 20.44 54.99 38.55
2001 44.34 54.99 61.03
2011 52.10 79.20 66.17
2. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य :– प्रत्येक मनुष्य के संतुलित विकास हेतु पांच मूलभूत आवश्यकताएं हैं– भोजन , वस्त्र, आवास, चिकित्सा एवं शिक्षा । राजस्थान के निवासियों के लिए मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना , नि:शुल्क जांच योजना , जननी – शिशु सुरक्षा योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मुख्यमंत्री बीपीएल जीवन रक्षा कोष के साथ-साथ, ‘108 नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा’ व ‘104 नि:शुल्क सेवा’ व ‘जननी एक्सप्रेस योजना’ के संचालन से राज्य में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं जनसाधारण तक पहुंच गई है।
3. आवाज एवं खाद्य सुरक्षा :– मुख्यमंत्री आवास योजना एवं मुख्यमंत्री जन आवास योजना के द्वारा आवासहीन निर्धन परिवारों को सस्ता आवास उपलब्ध करवाने का कार्य शुरू किया गया है।
स्वच्छता अभियान के द्वारा सरकार शौचालयविहीन गरीब परिवारों को शौचालय निर्माण हेतु सहायता प्रदान कर रही है।
खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के माध्यम से आर्थिक दृष्टि से कमजोर परिवारों के लिए सस्ती दर पर खाद्यान्न उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
* आर्थिक विकास :– राजस्थान की अर्थव्यवस्था कृषि एवं गाँव आधारित है।
यह राज्य संगमरमर , तांबा, जस्ता, नमक उत्पादन में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
राजस्थान देश का दूसरा सबसे बड़ा पॉलिएस्टर फाइबर तथा सीमेंट उत्पादक राज्य है।
राज्य में मुख्यतः वस्त्र एवं खनिज आधारित कारखाने हैं ।
राज्य में उद्योगों की स्थापना एवं अन्य आवश्यक सुविधाएँ व सहायता उपलब्ध कराने हेतु 36 जिला उद्योग केंद्र तथा 7 उप केंद्र स्थापित है ।
निवेश संवर्दध्न ब्यूरों (बी.आई.पी.) निवेशकों एवं राज्य सरकार के मध्य समन्वयक के रूप में सेवाओं का संचालन कर रहा है।
यह परियोजनाओं को शीघ्र स्वीकृति दिलवाने के लिए तथा समस्याओं के निराकरण के लिए कार्यरत है।
अधिक निवेश को आकर्षित करने तथा विभिन्न योजनाओं में नीतिगत सहायता हेतु उद्योग विभाग ने ”अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम” से ‘नॉलेज पार्टनरशिप’ समझौता किया है।
* खनिज एवं उद्योग :– राज्य में प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों, जैसे — जैव प्रौद्योगिकी, कृषि आधारित खाद्य प्रसंस्करण , रसायन , चमड़ा , कपड़ा , परिशुद्ध, घटक, गृह उद्योग, सूचना प्रौद्योगिकी(आई.टी.) सौर ऊर्जा एवं ऑटोमोबाइल उद्योगों के विकास में तेजी लाने के लिए रीको द्वारा विशिष्ट पार्क जैसे — एग्रो फूड पार्क, नीमराना में जापानी पार्क आदि विकसित किए गए हैं।
* ऊर्जा :– 1947 में केवल कुछ ही शहर ऐसे थे जिनको बिजली मिलती थी ।
राज्य में विद्युत ऊर्जा उत्पादन की मुख्य प्रयोजनों में राजस्थान आण्विक ऊर्जा परियोजना — रावतभाटा : कोटा और सूरतगढ़।
तापीय परियोजनाएँ : धौलपुर गैस आधारित तापीय परियोजना।
माही जल विद्युत परियोजना है।
भाखड़ा, व्यास , चंबल और सतपुड़ा अंतराज्यीय भागीदारी वाली परियोजनाएं हैं।
केंद्रीय सरकार के द्वारा संचालित सिंगरौली, रिहंद, औरैया, दादरी गैस प्लांट , टनकपुर तथा उरी हाइड्रल परियोजनाओं से राजस्थान को बिजली प्राप्त हो रही है।
राजस्थान में सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन में निरंतर वृद्धि हो रही है।
बाड़मेर व जैसलमेर जिलों में पेट्रोलियम उत्पाद प्राप्त होने से राजस्थान में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिला है।
* परिवहन :–
राज्य में सड़क एवं रेल मार्गों का विकास हो चुका है।
एक्सप्रेस एवं मेगा हाईवे का विस्तार हो रहा है। बड़ी एवं विद्युतीकृत रेल लाइनों के विस्तार का कार्य प्रगति पर है।
दिल्ली – मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर ( डी.एम.आई.सी.) का एक बहुत बड़ा भाग राजस्थान से होकर गुजरेगा।
राज्य में निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए समय-समय पर उद्योगपतियों को प्रोत्साहित किया जाता है।
ऐसा ही आयोजन ‘ रिसर्जेण्ट राजस्थान ‘ 19 व 20 नवंबर 2015 को जयपुर में हुआ। इस आयोजन में देश-विदेश के अनेक बड़े उद्योगपति शामिल हुए।
* दिल्ली- मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर
(डी.एम.आई.सी.):–
इस योजना के अंतर्गत सम्मिलित क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय स्तर के औद्योगिक नगर, आबादी क्षेत्र ,.औद्योगिक पार्क , ऊर्जा संयंत्र, नॉलेज सिटी , लॉजिस्टिक पार्क, ग्रीन फील्ड, एयरपोर्ट व अन्य परिवहन सेवाएं और अन्य सुविधाएं विकसित की जा रही है।
डी.एम.आई.सी. विकास निगम के द्वारा 1000 (मेगावाट) क्षमता के गैस आधारित तापीय विद्युत पावर प्लांट व कौशल विकास केंद्रों को विकसित करने के कार्य प्रारंभ किए गए हैं।
प्रथम चरण में खुशखेड़ा- भिवाड़ी- नीमराणा क्षेत्र का विकास किया जा रहा है।
* प्रौद्योगिकी विकास :– कम समय पर कम खर्च में प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग के तरीके खोजना प्रौद्योगिकी विकास कहलाता है।
राजस्थान में प्रौद्योगिकी शिक्षा तथा विकास को बढ़ावा देने के लिए ‘राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय” स्थापित किया गया है । अनेक इंजीनियरिंग एवं प्रबंध कॉलेज स्थापित किए गए हैं।
राज्य में ‘सूचना प्रौद्योगिकी पार्क’ एवं ‘नॉलेज कोरिडोर’ की स्थापना पर कार्य चल रहा है।
सरकारी विभागों में ई-गवर्नेंस की सफलता हेतु सरकारी कर्मचारियों को सूचना तकनीकी एवं संचार विभाग द्वारा सूचना तकनीकी में प्रशिक्षित किया गया है ।
नागरिकों को घर के पास ही सरकारी सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु 11 हजार से अधिक मित्र खोले गए हैं ।
जनता की शिकायतों के निवारण के लिए www.sampark.rajasthan.gov.in राजस्थान संपर्क पोर्टल संचालन किया जा रहा है ।
राजस्थान में विकास हेतु वर्तमान में नई उर्जा नीति, नई नवीन खनिज नीति , पर्यटन नीति बनाई गई है ।
जोधपुर , नागौर, बीकानेर में सौर ऊर्जा तथा बाड़मेर और जैसलमेर में तेल व गैस के भंडारों के विकास से एवं दिल्ली – मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के बड़े भाग से राजस्थान बड़े भाग के राजस्थान से जुड़े होने के राजस्थान से जुड़े होने से राज्य में विकास और रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।

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