कक्षा 8 पाठ -12 कुंडलियाँ (गिरधर)
कक्षा 8 पाठ -12 कुंडलियाँ (गिरधर) प्रश्न उत्तर ( सोचिए और बताएं)
प्रश्न 1. कुंडलियां पाठ के लेखक का नाम बताइए?
उत्तर कुंडलियां पाठ के लेखक का नाम कविराय गिरधर है।
प्रश्न 2 “बिना विचारे जो ………..” कुंडलियां को यदि हम जीवन में उतार लें तो हमें क्या क्या लाभ होगा ?
उत्तर बिना विचारे जो कुंडली को यदि हम जीवन में उतार लें, तो हमें किसी कार्य को करने के बाद पछताना नहीं पड़ेगा और संसार में हंसी का पात्र नहीं बनना पड़ेगा।
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*अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न :–
प्रश्न-1. दौलत पाकर मनुष्य को क्या न करने की सलाह दी गई?
उत्तर दौलत पाकर मनुष्य को सपने में भी अभिमान (घमंड) नहीं करना चाहिए।
प्रश्न 2. आदमी की जग हँसाई कब होती है ?
उत्तर आदमी की जग हँसाई तब होती है, जब वह बिना सोचे विचारे कोई कार्य करता है ।
प्रश्न 3. हीरा को छेदकर कमर में बांधने पर हीरे को कैसा लगता है?
उत्तर हीरा को छेदकर कमर में बांधने पर ऐसा लगता है, जैसे किसी सुंदर स्त्री ने बिना हल्दी और नमक की सब्जी बना दी हो।
* लघु उत्तरात्मक प्रश्न :–
प्रश्न 1. हीरा किस बात पर पछताने लगा ?
उत्तर हीरा इस बात पर पछताने लगा कि वह कहाँ आ गया है, जहां उसके गुणों की कोई कीमत नहीं है। लोग उसे छेद कर कमर में बाँध रहे हैं। अपना दर्द होने से हीरा पछता रहा है।
प्रश्न 2. कुंडलियाँ में लाठी के क्या-क्या गुण बताए गए हैं ?
उत्तर कुंडलियाँ में कवि ने लाठी के यह गुण बताएं हैं कि रास्ते में नदी – नाला आ जाए तो उसे पार करने में , कुत्ता यदि झपटकर आए तो उसे भगाने में लाठी काम आती है, यदि राहगीर को रास्ते में शत्रु या लुटेरे मिल जाए तो वह उनका मस्तक लाठी से फोड़ सकता है। अतः अन्य हथियारों की अपेक्षा लाठी अधिक उपयोगी है।
प्रश्न 3. किसी काम को बिना सोचे – समझे करने पर क्या परिणाम होते हैं ?
उत्तर किसी काम को बिना सोचे – समझे करने पर बाद में पछताना पड़ता है। क्योंकि वह काम बिगड़ जाता है । और उस व्यक्ति को संसार में हंसी का पात्र बनना पड़ता है । ऐसी परिस्थिति में मन बेचैन रहता है, और मनुष्य का किसी भी कार्य में मन नहीं लगता है। यह दु:ख सदैव उसे व्याकुल करता रहता है।
प्रश्न 4. कवि गिरधर ने दौलत को मेहमान क्यों कहा है?
उत्तर कवि गिरधर ने दौलत को मेहमान इसलिए कहा है, क्योंकि जिस प्रकार मेहमान दो-चार दिन रह कर वापस चला जाता है उसी प्रकार दौलत भी स्थाई रूप से घर में निवास नहीं करती है। इसीलिए धन – दौलत को जल के समान चंचल (अस्थिर) भी कहा गया है।
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कक्षा 8 पाठ -12 कुंडलियाँ (गिरधर)
* अतिरिक्त प्रश्न :–
प्रश्न-1. कुंडलियाँ छंद की विशेषताएं बताइए ?
उत्तर कुंडलियाँ छंद की निम्नलिखित विशेषताएं होती है :–
1. यह छंद 6 चरणों का होता है ।
2. इसमें प्रथम दो पंक्तियाँ दोहा छंद की एवं श्रेष्ठ चार पंक्तियां रोला छंद की होती है।
3 यह छंद जिस शब्द से प्रारंभ होता है उसी शब्द पर आकर समाप्त हो जाता है।
प्रश्न 2. ” दौलत पर अभिमान न करने तथा सोच- विचार कर कार्य करने की प्रेरणा कवि ने दी है ।” कुंडलियाँ के आधार पर लिखिए?
उत्तर कविराय गिरधर ने दौलत को चंचल और अस्थिर बताते हुए कहा है कि मनुष्य को इसकी प्राप्ति होने पर सपने में भी अभिमान नहीं करना चाहिए । क्योंकि यह जल के समान कुछ समय तक ही अपने पास रहती है।
” चंचल जल दिन चारि को , ठाँऊ न रहत निदान ।”
अतः व्यक्ति को अपने जीवन काल में यश प्राप्ति के लिए प्रयास करते रहना चाहिए । इसी प्रकार कवि ने बिना सोचे विचारे कार्य न करने का संदेश देते हुए कहा है कि ऐसा ना करने पर स्वयं का काम तो बिगड़ेगा ही, साथ ही जगत में उपहास भी होगा ।
“काम बिगाड़े आपनो, जग में होत हँसाय।”
अत: कवि ने सोच – समझकर कार्य करने की प्रेरणा दी है।
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* भाषा की बात :–
प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों के तद्भव रूप लिखिए :-
1.जस – यश
2. गुन – गुण
3. छेद – छिद्र
4. माथा – मस्तक।
प्रश्न 2. निम्नलिखित कारकों के चिह्न लिखिए :-
1. अधिकरण कारक – में , पर ।
2. संबोधन कारक — हे, रे, अरे ।
3. कर्म कारक — को।
4. संबंध कारक — का, के, की ।
* विलोम शब्द :–
1. यश — अपयश
2. हँसाए — रुलाए
3. बिगाड़ना – सँवारना / बनाना
4. सम्मान – अपमान
5. गुण – अवगुण।
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