सरकार और लोक कल्याण
सरकार और लोक कल्याण
नागरिकों की रक्षा, कानून व्यवस्था एवं न्याय व्यवस्था के साथ-साथ लोक कल्याणकारी कार्य करना भी सरकार का दायित्व माना जाने लगा है।
लोक कल्याण लोकतांत्रिक सरकार द्वारा ही संभव है। आजकल की सरकारें लोकतांत्रिक एवं जनकल्याणकारी सरकारी होती है। सरकार का प्रत्येक स्तर लोक कल्याणकारी कार्यक्रमों का संचालन करता है।
लोक कल्याण का अर्थ है — शिक्षा, रक्षण और पोषण, न्यूनतम जीवन स्तर की गारंटी, रोजगार, सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराना।
* भारत एक लोक कल्याणकारी राज्य —
स्वतंत्रता के पश्चात भारत के संविधान में भारत को एक लोकतांत्रिक और लोक कल्याणकारी राज्य घोषित किया है ।
सरकार ऐसे कार्यक्रम और योजनाएं संचालित करेगी जिनसे आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय स्थापित हो सके।
भारतीय संविधान के ‘भाग 4’ में वर्णित राज्य के “नीति निर्देशक तत्व” में सरकार की इन जिम्मेदारियों का वर्णन किया गया है। जिनसे लोग कल्याण हो। जैसे– भोजन , आवास , स्वास्थ्य- सुविधाएं, शिक्षा व रोजगार से संबंधित अनेक योजनाएं चलाई जा रही है।
* लोक कल्याणकारी कार्यक्रम :– सरकार के लोककल्याणकारी कार्यक्रम और योजनाएं दो प्रकार की होती हैं — 1. वह जो सभी नागरिकों के लिए होती है ।तथा 2. जो किसी वर्ग विशेष के उत्थान के लिए होती है । जैसे — ‘निर्धन रेखा से नीचे’ ( बी.पी.एल.) जीवन जीने वाले वर्गों के लिए योजनाएं।
सरकार और लोक कल्याण
राजस्थान सरकार दोनों प्रकार के लोक कल्याणकारी कार्यक्रम संचालित कर रही है । इनमें से कई कार्यक्रम केंद्र सरकार द्वारा समर्थित है।
* 1. शिक्षा :–
● नागरिकों के व्यतीत विकास के लिए शिक्षा सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।
● सरकार ने प्राथमिक शिक्षा को एक नागरिक अधिकार का दर्जा दिया है।
● इसके लिए ‘नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम’ बनाया गया है। इसके अंतर्गत 6 से 14 वर्ष की आयु वर्ग के बालको के लिए नि: शुल्क, अनिवार्य और गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा का प्रावधान है।
● इसके अतिरिक्त अनुसूचित जाति ( SC ), अनुसूचित जनजाति ( ST ) , अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC ) , अल्पसंख्यक वर्ग , और विशेष योग्यजन वर्गों के छात्रों, अनाथ छात्रों तथा प्रतिभावान छात्रों को छात्रवृति एंव अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही है।
● शिक्षा में पिछड़े उपखंण्डों में ‘कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय’ और ‘स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल’ संचालक किए जा रहे हैं।
● राजकीय विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 में अध्ययनरत बालिकाओं के लिए ‘शारदे बालिका छात्रावास’ का संचालन किया जा रहा है।
● राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत राजस्थान की शैक्षणिक रुप से पिछड़े सभी उपखंडों में ‘स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल’ ‘चरणबद्ध’ रूप से स्थापित्त किए गए हैं।
● केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से संबंधित विद्यालय में कक्षा 6 से 12 और कक्षा 9 से 12 की शिक्षा अंग्रेजी माध्यम से दी जाती है। तथा अंग्रेजी शिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
● शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए विद्यालयों में कंप्यूटर लैब , विज्ञान प्रयोगशाला, पुस्तकालय एवं वाचनालय अंग्रेजी की पढ़ाई के लिए लिंग्वा लैब तथा सुविकसित खेल मैदान बनाए गए हैं।
● इनका संचालन केंद्रीय विद्यालय के पैटर्न पर होता है।
● राजस्थान को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में यह विद्यालय मील का पत्थर साबित होंगे।
* 2. खाद्य सुरक्षा :—
● लोक कल्याणकारी राज्य के लिए आवश्यक है कि उसके नागरिकों को भूखा न रहना पड़े।
● ” सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पी.डी.एस.)” के माध्यम से सरकार बी.पी.एल. या ‘अंत्योदय योजना’ में चयनित है। वह निर्धन परिवारों व अन्य समूहों को सस्ती दरों पर खाद्यान्न उपलब्ध करवा रही है।
● उचित मूल्य पर केरोसिन भी उपलब्ध करवाया जाता है ।
● सरकारी विद्यालय में बच्चों के लिए दोपहर के भोजन (मिड- डे- मील) की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है।
● आंगनबाड़ी केंद्रों पर 3 से 6 वर्ष के बालकों को पूरक पोषाहार उपलब्ध कराया जा रहा है।
* 3. चिकित्सा :–
● स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाएं प्रभावी , सस्ती एवं सुलभ हो, इसके लिए राजस्थान सरकार ‘मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा एवं जाँच योजना’ का संचालन कर रही है ।
● इसके अंतर्गत सरकारी चिकित्सालय में रोगियों को नि:शुल्क दवाइयों का वितरण एवं जांच की सुविधा दी जा रही है ।
● पशु चिकित्सा भी नि:शुल्क है ।
● टोल फ्री टेलीफोन नंबर ‘104’ पर फोन करके नागरिक रोग निदान हेतु विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श ले सकता है। और इसी नंबर पर ‘जननी एवं शिशुओं’ के लिए नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा उपलब्ध करवाई जा रही है।
● जननी एवं शिशु सुरक्षा योजना के तहत प्रसूता एवं शिशुओं को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाएं दी जा रही है।
* 4. आवास :–
● शहरी क्षेत्रों में ‘मुख्यमंत्री जन आवास योजना’ में आवासहीन गरीब परिवारों को उचित मूल्य पर आवास उपलब्ध करवाया जा रहा है।
● आवासहीन चयनित ग्रामीण निर्धन परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना और ‘इंदिरा आवास योजना’ में नि:शुल्क भूखंड व आवास निर्माण के लिए अनुदान दिया जा रहा है।
* 5. रोजगार :–
● ‘ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम’ ( महात्मा गांधी नरेगा) के तहत पंजीकृत अकुशल मजदूरों को रोजगार की मांग करने पर उनके घर के समीप ही कम से कम 150 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाने की गारंटी दी गई है ।
● 15 दिन के भीतर रोजगार उपलब्ध ना होने पर उन्हें बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा।
● युवाओं में कौशल विकास हेतु विभिन्न प्रकार का प्रशिक्षण देने हेतु राज्य के अनेक स्थानों पर रोजगार प्रशिक्षण केंद्र खोले गए हैं।
● प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार हेतु ऋण भी दिया जा रहा है।
* 6. श्रम कानून :–
● श्रमिकों को शोषण से बचाने के लिए उनके कार्य के घंटे एवं न्यूनतम मजदूरी निर्धारित की गई है।
● साप्ताहिक अवकाश का अधिकार प्रदान किया गया है । उन श्रम विवादों के निराकरण हेतु श्रम कानून बनाए गए हैं।
* 7. सामाजिक सुरक्षा पेंशन एवं बीमा योजनाएँ :–
● वृद्धजनों , एकल महिलाओं , विशेष योग्यजनों एवं चयनित जरूरतमंदों को सरकार हर महीने पेंशन प्रदान करती है।
● किसानों को ‘फसल मौसम बीमा’ एवं नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा एवं दुर्घटना बीमा द्वारा सुरक्षा प्रदान की जा रही है।
* 8. भामाशाह योजना :–
● यह वित्तीय समावेशन के लिए एक योजना है।
● इस योजना में महिला को मुखिया बनाकर परिवार के सभी सदस्यों को नामांकित किया जाता है ।
● सभी सदस्यों का बैंक में खाता खोला जाता है। जिसमें मनरेगा , मजदूरी , सामाजिक सुरक्षा पेंशन राशि, छात्रवृत्ति, एवं अन्य योजनाओं की राशि जमा की जाती है ।
● इस योजना के तहत हर एक पंचायत मुख्यालय पर ‘अटल सेवा केंद्र’ में ‘मिनी बैंकिंग सेवाएं’ उपलब्ध है।
* 9. ई – गवर्नेंस :–
● नागरिक बिना सरकारी कार्यालय में जाएं अपने घर के नजदीक की या घर बैठे ही अपना काम करवा सके, इसके लिए इंटरनेट प्रणाली पर आधारित ई – गवर्नेंस व्यवस्था प्रारंभ की गई है।
● जैसे कि — अनेक सरकारी सेवाओं को प्रदान करने के लिए जगह-जगह ई-मित्र केंद्र स्थापित किए गए हैं।
● ‘ अटल सेवा केंद्र’ पर ई-मित्र, मिनी बैंकिंग सेवा, ‘राजस्थान संपर्क पोर्टल’ पर इंटरनेट से किसी भी विभाग को शिकायत दे दी जा सकती हैं। और इसके जरिए प्रशासन संबंधी सूचनाएं ली जा सकती है ।
● पंचायत समिति मुख्यालयों व जिला कलेक्टर कार्यालय में ‘सूचना किओस्क’ ( टच स्क्रीन कियोस्क) लगाए गए हैं, जहाँ से सरकारी सुचनाएँ ली जा सकती है । तथा सरकारी विभागों को सुझाव व शिकायतें भी दर्ज की जा सकती है।
● कंप्यूटर शिक्षा देने हेतु ‘डिजिटल इंडिया अभियान’ चलाया जा रहा है।
● सभी विभागों में समस्या दर्ज करवाने हेतु ‘टोल फ्री’ टेलिफोन सेवा शुरू की गई है।
* लोक कल्याणकारी राज्य सरकार का उत्तरदायित्व :-
सरकारी सेवाओं को नागरिकों को सुलभ बनाने हेतु एवं प्रशासन के संवेदनशील, पारदर्शी एवं उत्तरदायी बनाने हेतु निम्नलिखित महत्वपूर्ण अधिनियम पारित कर किए गए हैं।
1. सूचना का अधिकार (RTI )अधिनियम :–
सूचना के अधिकार की प्राप्ति के लिए राजस्थान का योगदान देश में महत्वपूर्ण रहा है।
इसके लिए सन् 2000 में राजस्थान में, तथा सन 2005 में राष्ट्रीय स्तर पर सूचना प्राप्ति के लिए नागरिकों को अधिकार प्रदान किया गया है।
इसके अधिकार के अंतर्गत कोई भी नागरिक सरकार की नीति , योजना , कार्य , तथा हिसाब – किताब की मांग कर सकता है। और मांग करने पर उसे एक निश्चित समय में सूचना उपलब्ध करवाई जाती है। और यदि कहीं किसी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार है, तो इस संबंध में शिकायत भी की जा सकती है ।
2. राजस्थान लोक सेवाओं की प्रदान की गारंटी अधिनियम -2011 :–
इस अधिनियम के द्वारा 18 सरकारी विभागों के 53 विषयों की 153 सेवाओं को शामिल किया गया है। इनमें मुख्य है — ऊर्जा , पुलिस , चिकित्सा , यातायात, स्थानीय निकाय, खाद्य एवं आपूर्ति , सार्वजनिक निर्माण विभाग आदि।
इन विभागों की विभिन्न लोक सेवाओं को नागरिकों को उपलब्ध करवाने के लिए निश्चित अवधि कर दी गई है। और देरी करने पर संबंधित लोक सेवक पर आर्थिक दंड भी लगाया जा सकता है।
3. राजस्थान सुनवाई का अधिकार अधिनियम :–
अगस्त 2012 से इस अधिनियम को पूरे राज्य में लागू किया गया है।
ग्राम पंचायत से लेकर संभाग स्तर तक जनता की समस्याएं सुनने के लिए लोक सुनवाई अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
समस्या के निराकरण के लिए उसे संबंधित विभाग को पहुंचाया जाता है। अगर तय समय में सुनवाई नहीं होती है, या निर्णय के प्रति शिकायतकर्ता असंतुष्ट है तो उच्चाधिकारी से अपील की जा सकती है । और दोषियों को दंडित किया जाता है।
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