Class 8 Sanskrit जलवाहिनी chapter 7

Class 8 Sanskrit जलवाहिनी

भावार्थ
संदर्भ – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक ‘रुचिरा’ के ‘जलवाहिनी’ नामक अध्याय से ली गई है। इन पंक्तियों के माध्यम से कवि हमें ग्रामीण महिला की मनोदशा के बारे में बताना चाहते हैं।



भावार्थ – ग्रामीण महिला अपने दैनिक जीवन में किए जाने वाले काम के बारे में सोचती हुई कहती है कि, ” मैं कब तक इस प्रकार घड़े को भरूँगीं और इसका वजन उठाऊंगी । यदि मैं धीरे चलती हूँ तो रात हो जाएगी और घर पर मेरा बालक रोएगा । और यदि मैं तेज चलती हूँ तो घड़े में से पानी गिरेगा और मेरे कपड़े भीग जाएंगे ।
भावार्थ – इन घुँघरूओ की झनझनाहट से अपने घरों में सुखपूर्वक सोए हुए व्यक्ति शीघ्रता से जग जाएँगे ।


भावार्थ – कुआँ छोटा तथा बहुत गहरा है , पानी भी गहरे तल में स्थित है। घड़े पर लगी रस्सी को प्रतिदिन खींचने के कारण मेरे हाथों में छाले, फफोले हो गए हैं।

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5  धर्मे धमनं पापे पुण्यम
6  प्रेमलस्य प्रेमल्याश्च कथा
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9  सप्तभगिन्यः
10 अशोकवनिका
11 सावित्री बाई फुले
12 कः रक्षति कः रक्षितः
13 हिमालयः
14 आर्यभटः
15 प्रहेलिकाः