राज्य की उत्पत्ति के सिद्धांत

राज्य की उत्पत्ति के सिद्धांतराज्य की उत्पत्ति के सिद्धांत

( देवीय, शक्ति, मातृ एवं पितृ सत्तात्मक )

राज्य की उत्पत्ति के सिद्धांत ( देवीय, शक्ति, मातृ एवं पितृ सत्तात्मक ) प्रश्न 1. राजनीतिक विज्ञान की कौन सी अवधारणा अनसुलझी है ? उत्तर राज्य की उत्पत्ति राजनीति शास्त्र की अनसुलझी गुत्थी है। प्रश्न 2. गार्नर के अनुसार राज्य की उत्पत्ति किस प्रकार हुई होगी। उत्तर गार्नर के अनुसार वे परिस्थितियां जिनमें आदि मानव में प्रथम राजनीतिक चेतना का अनुभव किया उससे प्रेरित होकर राजनीतिक संगठन के अधीन होते हुए राज्य की उत्पत्ति किया और आगे बढ़े। प्रश्न 3. राज्य के उत्पति का प्राचीनतम सिद्धांत कौनसा है, उसका संक्षिप्त परिचय दीजिए । उत्तर राज्य के उत्पति का दैवीय सिद्धांत सबसे प्राचीन और एक काल्पनिक सिद्धांत है । यह इस मान्यता पर आधारित है कि राजा ईश्वर की रचना है । राजा पृथ्वी पर ईश्वर का प्रतिनिधि हैं । राजा के माध्यम से ईश्वर पृथ्वी पर शासन करता है। राजा केवल ईश्वर के प्रति उत्तरदाई होता है। राजा अपने कार्यों के लिए किसी मानव , किसी मानवीय संस्था या लोगों के प्रति उत्तरदाई नहीं है । प्रश्न 4. दैवीय सिद्धांत के प्रमुख समर्थक कौन थे? उत्तर दैवीय सिद्धांत के प्रमुख समर्थक ‘यहूदी’ थे । प्रश्न 5. इंग्लैंड के राजा जैम्स प्रथम ने अपनी किस पुस्तक में लिखा है कि ” राजा पृथ्वी पर ईश्वर की श्वास लेती प्रतिमाएं हैं। “ उत्तर इंग्लैंड के राजा जैम्स प्रथम ने अपनी पुस्तक ” टूल्स ऑफ फ्री मोना मोनार्कीज ” में लिखा है। प्रश्न 6. “पैट्रियाकी” पुस्तक के लेखक कौन है ? उत्तर राबर्ट फिल्मर इन्होंने आदम को पृथ्वी पर पहला राजा माना । प्रश्न 7. दैवीय सिद्धांत की प्रमुख विशेषताएं लिखिए? उत्तर दैवीय सिद्धांत की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं :– 1. राज्य ईश्वर निर्मित संस्था है । 2. राजा ईश्वर का प्रतिनिधि है । 3. राजा अपने अधिकार सीधें ईश्वर से प्राप्त करता है। यह दैवीय गुणों से युक्त है । 4. राजसत्ता निरंकुश है, कोई भी मानवीय इकाई इसे चुनौती नहीं दे सकती। जिस प्रकार ईश्वर जो भी करता है ठीक करता है। वैसे ही राजा भी कभी कुछ गलत नहीं करता। 5. राज्य, शासन और राजा तीनों एक रुप है। 6. राजपद वंशानुगत है। प्रजा इस अधिकार को छीन नहीं सकती है । 7. राजा की आज्ञाओं का पालन करना, प्रजा के लिए अनिवार्य है। प्रश्न 8. राज्य की उत्पत्ति के दैविय सिद्धांत का प्रयोग किन कारणों से किया गया? उत्तर 1. राजा ने अपनी शक्ति मजबूत करने और लोगों की अंध भक्ति प्राप्त करने के लिए इसका प्रयोग किया। 2. लोकतंत्र के विरोध के लिए इसका प्रयोग किया गया । 3. राजा और पोप के संघर्ष में राजा को श्रेष्ठ बनाने के लिए इसका प्रयोग किया गया । प्रश्न 9. परिवार को राज्य के उत्पत्ति का आधार किस सिद्धांतो ने माना ? उत्तर परिवार को राज्य की उत्पत्ति का आधार मातृ व पितृ सत्तात्मक सिद्धांत ने माना ।

राज्य की उत्पत्ति के सिद्धांत

प्रश्न 10. अरस्तु ने राज्य की उत्पति के संबंध में क्या परिभाषा दी? उत्तर अरस्तु के अनुसार , — राज्य , परिवार और ग्रामों का समुदाय हैं। जिसका लक्ष्य पूर्ण और आत्मनिर्भर जीवन हैं। अरस्तु के अनुसार , — जब अनेक परिवार संयुक्त हो जाते हैं, तो ग्राम का निर्माण होता है, अर्थात ग्राम से ही राज्य की उत्पत्ति होती है। प्रश्न 11. पितृ सत्तात्मक सिद्धांत के प्रमुख समर्थक कौन थे ? उत्तर पितृ सत्तात्मक सिद्धांत की प्रमुख समर्थक ‘हेनरी मेन’ है । प्रश्न 12. यहूदीयों की धार्मिक पुस्तक का नाम क्या था ? उत्तर ओन्डटेस्टामैन्ट है। प्रश्न 13. पैट्रिआर्क से आप क्या समझते हैं? उत्तर परिवार का सबसे वृद्ध व्यक्ति परिवार का पैट्रिआर्क (मुखिया) होता था। प्रश्न 14. पितृसत्तात्मक सिद्धांत का संक्षिप्त परिचय दो ? उत्तर हेनरी मेन के अनुसार प्राचीन समय में समाज परिवारों का समूह था। और उस परिवार का सबसे वृद्ध व्यक्ति पैट्रीआर्क (मुखिया ) होता था । धीरे-धीरे परिवारों की संख्या में वृद्धि होती गई । परिवारों पर मूल परिवार के मुखिया का नियंत्रण बना रहा। धीरे-धीरे पितृ प्रधान परिवार का विकास हुआ ।.परिवार से गोत्र, और गोत्र से कबीलों का निर्माण हुआ। और सभी लोगों से राज्य की उत्पत्ति हुई । लीकॉक ने कहा कि — ” पहले एक गृहस्थी, उसके बाद पितृ प्रधान परिवार , उसके पश्चात एक वंश के लोगों का कबीला और अंत में एक राष्ट्र है।” प्रश्न 15. मातृ सत्तात्मक सिद्धांत के बारे में बताइए? उत्तर मातृ सत्तात्मक सिद्धांत के प्रमुख समर्थक मैक्लेनन ,मार्गन और जैक्स है । इनका मानना है कि प्राचीन समाज में स्थाई विवाह की संस्थाएं नहीं थी। समाज में बहु पतित्व की व्यवस्था थी। इस व्यवस्था में नारी के अनेक पति होते थे । उनकी होने वाली संतानों को पिता नहीं , माता के कुल के नाम से जाना जाता था । संपत्ति और सत्ता की अधिकारिणी माता होती थी। प्रश्न 16. पितृ सत्तात्मक सिद्धांत के प्रमुख लक्षण बताइए ? उत्तर 1. परिवार का पैट्रिआर्क ( मुखिया ) पुरुष था । 2. परिवार की वंश परंपरा पिता से चलती थी। 3. परिवार में विवाह प्रथा स्थाई थी । कहीं बहूपत्नी, कहीं एकल पत्नी प्रथा थी । 4. रक्त संबंध परिवार के सदस्यों की एकता का मुख्य सूत्र था। 5. परिवार में मुखिया की शक्तियां निरपेक्ष थी। 6. राज्य के विकास का आधार पितृ प्रधान व्यवस्था थी। प्रश्न 17. “राज्य का आधार रक्त और लोहा होना चाहिए।” यह किसने कहा? उत्तर यह बिस्मार्क ने कहा। प्रश्न 18. ” पहला राजा भाग्यशाली योद्धा था।” यह किसने कहा ? उत्तर यह वाल्टेयर ने कहा। प्रश्न 19. शक्ति सिद्धांत की प्रमुख विशेषताएं बताइए? उत्तर 1. शक्ति राज्य की उत्पत्ति का एकमात्र आधार है । 2. शक्ति का आशय भौतिक और सैनिक शक्ति से है। 3. प्रभुत्व की लालसा और आक्रामकता, मानव स्वभाव का अनिवार्य घटक है। 4. प्रकृति का नियम है, शक्ति ही न्याय है । 5. प्रत्येक राज्य में अल्पसंख्यक शक्तिशाली शासन करते हैं , और बहुसंख्यक शक्तिहीन अनुकरण करते हैं। 6. वर्तमान में राज्यों का अस्तित्व शक्ति पर ही केंद्रित है। प्रश्न 20. शक्ति सिद्धांत के प्रयोग के प्रमुख कारण बताइए ? उत्तर 1. मध्य युग में धर्मगुरुओं ने राज्य को दूषित , और चर्च को श्रेष्ठ संस्था बताने में किया। 2. व्यक्तिवादियों ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता में सरकार के हस्तक्षेप को रोकने के लिए इसका उपयोग किया। 3. अराजकतावादी, समाजवादी विचारकों ने भी व्यक्ति की स्वतंत्रता हेतु इस सिद्धांत का प्रयोग किया । 4. फासीवादी और नाजीवादियों ने भी इस सिद्धांत का समर्थन और प्रयोग किया। HOME NOTESJOBS

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