Rajasthan Me Paryatan Circuit राजस्थान के पर्यटन सर्किट –
Rajasthan Me Paryatan Circuit
राजस्थान में पर्यटन सर्किट, धार्मिक पर्यटन सर्किट, प्रमुख महोत्सव, राजस्थान की पैनोरमा नरेंद्र मोदी को ‘सियोल शांति पुरस्कार’
राजस्थान में पर्यटन सर्किट :-
राजस्थान में वर्तमान में ‘मरू- त्रिकोण’ को मिलाकर 10 पर्यटन सर्किट है।
1. ढुढाड़ सर्किट :-
इस सर्किट में जयपुर ( सामोद, आमेर , रामगढ़ )और दौसा (आभानेरी –चांद बावड़ी (तिलिस्म बावड़ी) क्षेत्र आते हैं ।
2. मेवात सर्किट :–
इस सर्किट में अलवर, भरतपुर सवाईमाधोपुर (रणथंभौर क्षेत्र) टोंक क्षेत्र आते हैं ।
3. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सर्किट :–
इसमें अलवर (सरिस्का, सिलीसेढ़ ), भरतपुर (डीग के जल महल), धौलपुर (बासेडी) क्षेत्र आते हैं ।
4. शेखावटी सर्किट :–
चूरु , झुंझुनू और सीकर
यह क्षेत्र कलात्मक हवेलियों के लिए प्रसिद्ध है।
2003 में उत्तर पश्चिमी रेलवे द्वारा “फेरी क्वीन” रेल शुरू की गई और इसका उद्देश्य — शेखावटी की कलात्मक हवेलियों को पर्यटन की दृष्टि से बढ़ावा देना था।
5. मरू – त्रिकोण :–
मरू त्रिकोण में बीकानेर जैसलमेर और जोधपुर जिले आते हैं।
6. मरू सर्किट :–
3 जिले (बीकानेर, जैसलमेर, जोधपुर ) जिन्हें ‘मरू त्रिकोण’ नाम से जाना जाता था । वर्तमान में ‘बाड़मेर’ जिले को भी इसमें शामिल कर लिया गया और इसका नाम ‘मरू सर्किट’ कर दिया गया है।
पश्चिमी राजस्थान में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘जापान’ की एक संस्था( कंपनी) है — (JBIC) “जापानी बैंक फाॅर इंटरनेशनल कॉरपोरेशन” के द्वारा “मरू प्राइड” योजना चलाई जा रही है।
इस योजना का उद्देश्य है — पर्यटन विकास और पर्यटक सुरक्षा ।
7. हाड़ौती सर्किट :–
इसमें कोटा , बांरा और झालावाड़ जिलों का क्षेत्र आता है।
8. माउंट आबू सर्किट :–
सिरोही (माउंट आबू), जालोर, व पालि का रणकपुर क्षेत्र आता है।
9. वांगड़ सर्किट :–
इसमें डूंगरपुर और बांसवाड़ा जिले आते हैं।
10. मेवाड़ सर्किट :–
इसमें उदयपुर (जयसमंद झील), राजसमंद ( कुंभलगढ़/ नाथद्वारा) तथा चित्तौड़गढ़ और कुछ भाग डूंगरपुर का भी आता है।
* राजस्थान के धार्मिक पर्यटन सर्किट ( परिपथ ) :–
1. मेवाड़ – बांगड़ धार्मिक सर्किट :–
इसमें उदयपुर डूंगरपुर और बांसवाड़ा जिले आते है।
2. बुद्धा सर्किट :–
जयपुर ( बैराठ ), झालावाड़ (काल्वी गुफाएं )
यहां बौद्ध धर्म के अवशेष मिले हैं । इनका उद्देश्य बौद्ध धर्म के अनुयायियों को यहाँ प्रेरित करने के लिए है।
3. कृष्णा सर्किट :–
(भगवान कृष्ण से संबंधित स्थान)
1. जयपुर ( गोविंद जी की मंदिर), 2. राजसमंद (श्रीनाथ जी का मंदिर), 3. सीकर (खाटूश्याम मंदिर)
4. ब्रज सर्किट :– ( उत्तर प्रदेश व राजस्थान की सीमा पर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ) इसमें भरतपुर और धौलपुर जिले आते हैं।
Rajasthan Me Paryatan Circuit
राजस्थान के प्रमुख महोत्सव (पर्यटन विभाग द्वारा जारी)
1. ऊंट महोत्सव (जनवरी) बीकानेर
2. मरू महोत्सव (जनवरी-फरवरी) जैसलमेर
3. थार महोत्सव (फरवरी-मार्च) बाड़मेर
4. शेखावाटी महोत्सव (मार्च ) चूरू, झुंझुनू ,सीकर
5. ब्रज महोत्सव (मार्च ) भरतपुर
6. मेवाड़ महोत्सव (मार्च-अप्रैल) उदयपुर
7. हाथी महोत्सव (मार्च) जयपुर
8. ग्रीष्म महोत्सव (मई) माउंट आबू — सिरोही
9. मीरा महोत्सव (जुलाई-अगस्त) चित्तौड़गढ़
10. मारवाड़ महोत्सव (अक्टूबर) जोधपुर
11. मत्स्य महोत्सव (नवंबर) अलवर
12. शीत महोत्सव (दिसंबर) माउंट आबू – सिरोही
13. बैलून महोत्सव (बाड़मेर) (वर्ष में चार बार आयोजित होता है।)
राजस्थान के प्रमुख म्यूजियम ( पर्यटन की दृष्टि से)
1. कालबेलिया स्कूल ऑफ डांस — (हाथी ग्राम -आमेर) जयपुर
( इसे अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की दृष्टि से विश्व धरोहर में शामिल किया गया था — वर्ष 2010 में।)
2. स्कूल ऑफ वास्तु — पुष्कर (अजमेर)
( यह भारत की प्रथम वास्तु से संबंधित स्कूल है।)
3. वार म्यूजियम (युद्ध संग्रहालय) — जैसलमेर
4. ‘ W ‘ आकार का ‘वाॅक थ्रू वार’ म्यूजियम — जयपुर
5. राष्ट्रीय जनजातीय संग्रहालय — मानगढ़ (बांसवाड़ा)
6. विभूति पार्क — उदयपुर
( इस पार्क की स्थापना आंध्र प्रदेश की ‘हुसैन सागर’ झील के आधार पर उदयपुर की ‘फतेहसागर झील’ में की गई है।)
7. शहीद स्मारक — बीकानेर
( यहां पर मरुस्थलीय क्षेत्र में ‘धौरा बस एक्सप्रेस’ पर्यटन की दृष्टि से चालू की गई है।)
8. सिल्कन वैक्स म्यूजियम — नाहरगढ़ (जयपुर)
9. सफारी पार्क — रणथंभौर
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किए गए नीतिगत प्रयास
1. प्रथम पर्यटन नीति — 27 सितंबर 2001
उद्देश्य — पर्यटन उद्योग को ‘जन उद्योग’ के रूप में दर्जा देना।
2. द्वितीय पर्यटन नीति — 2007 में आयोजित
उद्देश्य — पर्यटन में निजी क्षेत्र को बढ़ावा देना
3. तृतीय पर्यटन नीति (नवीन) — 2015 में स्थापना
राजस्थान की पैनोरमा :–
(राजस्थान पुरातत्व विभाग के द्वारा व्यक्ति विशेष के जीवन से संबंधित स्थान)
1. कवि माघ पैनोरमा — भीनमाल (जालौर)
2. संत रैदास पैनोरमा — चित्तौड़गढ़
3. मीरा पैनोरमा — मेड़ता (नागौर)
4. संत धन्ना पैनोरमा — धुँआ कला गांव (टोंक )
5. संत मावजी पैनोरमा — डूंगरपुर
6. काली बाई पैनोरमा — डूंगरपुर
7. पन्नाधाय पैनोरमा। — राजसमंद
8. स्वतंत्रता संग्राम पैनोरमा — आऊवा (पाली)
9. नागरी दास पैनोरमा — किशनगढ़ (अजमेर)
10. हाड़ी रानी पैनोरमा — सलूंबर (उदयपुर)
नीमराणा बावड़ी (अलवर) — भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित किया गया है (2018 में)
भारतीय पुरातत्विक सर्वेक्षण विभाग द्वारा पर प्रथम स्थान पर ब्रह्माजी के मंदिर को घोषित किया गया है।
भारत के साथ आश्चर्य में राजस्थान के सोनार दुर्ग (जैसलमेर) को भी शामिल किया गया है।
वर्तमान में “प्रसाद योजना” में पुष्कर को और “ह्दय योजना” में अजमेर (राजस्थान) को शामिल किया गया है।
वर्तमान में (2018) ‘विश्व पर्यटन संगठन’ का 7वां शिखर सम्मेलन दक्षिण कोरिया की राजधानी (सियोल) में आयोजित किया गया और यहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘सियोल शांति पुरस्कार’ भी दिया गया।