पाठ 15 प्राकृतिक संपदा एवं कृषि
पाठ 15 प्राकृतिक संपदा एवं कृषि
प्रश्न 1 वायु की गति को मापने वाले उपकरण का नाम लिखो ?
उत्तर एनीमोमीटर या पवन वेग मापी।
प्रश्न 2. प्रदूषण किसे कहते हैं ?
उत्तर वायु ,जल एवं मृदा के भौतिक, रासायनिक व जैविक गुणों में अवांछनीय परिवर्तन को प्रदूषण कहते हैं। ।
कृष्ण 3. प्राकृतिक संसाधन किसे कहते हैं?
उत्तर वे पदार्थ जो प्रकृति से प्राप्त होते हैं, तथा जिसका उपयोग मनुष्य के साथ-साथ सभी सजीव करते हैं, प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं।
प्रश्न 4. शैवाल ब्लूम क्या है ?
उत्तर जलाशयों में शैवालों की अत्यधिक वृद्धि होना शैवाल ब्लूम कहलाता है।
प्रश्न 5. ध्वनि बूम क्या है ?
उत्तर ध्वनि की गति से भी तेज चलने वाले सुपरसोनिक जेट अपने पीछे ध्वनि तरंगों को छोड़ता है , यही तरंगे ध्वनि बूम कहलाती है।
प्रश्न 6. वायुमंडल में सबसे अधिक पाई जाने वाली गैस का क्या नाम है?
उत्तर नाइट्रोजन 78%।
प्रश्न 7. पादप श्वसन क्रिया में किस गैस का उपयोग करते हैं?
उत्तर ऑक्सीजन ।
प्रश्न 8. वायु की गति का क्या कारण है ?
उत्तर प्रति के धरातल पर वायुदाब में अंतर के कारण वायु में गति उत्पन्न होती है ।
प्रश्न 9. सबसे अधिक अंडे देने वाली मुर्गी की नस्ल का नाम लिखिए ।
उत्तर व्हाइट लेगहार्न।
प्रश्न 10. ह्यूमस क्या है? ह्यूमस से क्या लाभ है ?
उत्तर पौधों एवं जंतुओं के अवशेषों का सूक्ष्म जीवों द्वारा अपघटन होने से जो कार्बनिक पदार्थ बनते हैं, वे इन चट्टानों के कणों से निर्मित होकर वास्तविक वास्तविक मृदा का निर्माण करती है मृदा में उपस्थित सूक्ष्म कणों द्वारा पौधों एवं जंतुओं के मृत भागों के अपघटन के पश्चात एक काले रंग के कार्बनिक पदार्थ का निर्माण होता है, उसे ह्यूमस कहते हैं।
प्रश्न 11. अम्लीय वर्षा कैसे होती है? अम्लीय वर्षा के दुष्प्रभाव लिखिए।
उत्तर औद्योगिक कारखानों के धुँए में उपस्थित so2 गैस ऊपरी वायुमंडल में उपस्थित जल के साथ h2 so4 का ऊपर का निर्माण करती है। इसी प्रकार प्राकृतिक ईंधनों के जलने से निकली no2 गैस ऑक्सीपृथ हो no3 बनाती है। यह no3 जल के साथ मिलकर हानिकारक hno3 नाइट्रिक अम्ल बनाती है। वर्षा जल में घुल कर यह अम्ल पूर्ण पृथ्वी पर प्राप्त होते हैं, इसे अम्लीय वर्षा कहते हैं।
* अम्लीय वर्षा के दुष्प्रभाव :–
1.इमारत के पत्थरों व दीवारों का संक्षारण
2.मृदा की अम्लीयता में वृद्धि
3. पेड़ – पौधों की पत्तियों का जुलसना
4.मानव व पशुओं की त्वचा पर हानिकारक प्रभाव।
प्रश्न 12. जैव रासायनिक आवश्यकता ऑक्सीजन क्या है ?
उत्तर एक इकाई आयतन जल में निर्धारित समय में ऑक्सीजन की मात्रा ज्ञात करके कार्बनिक प्रदूषको की मात्रा का अनुमान लगाया जाता है। इस प्रकार के मापन को जैव रासायनिक आवश्यकता ऑक्सीजन कहते हैं।
प्रश्न 13. जैविक आवर्धन क्या है? समझाइए ।
उत्तर कृषि तकनीक में प्रयुक्त पीडकनाशी व कीटनाशी पदार्थ मृदा से होते हुए पादप उत्पादों में एकत्रित हो जाते हैं। यह अविघटनीय कार्बनिक यौगिक पादप उत्पादों द्वारा मानव व पुष्य पशुओं के शरीर में एकत्रित होकर हानिकारक प्रभाव उत्पन्न करते हैं। इसे जैविक आवर्धन कहते हैं।
प्रश्न 14. ध्वनि प्रदूषण क्या है? इसके दुष्प्रभाव समझाइए।
उत्तर सामान्य से अधिक तीव्रता की ध्वनि शोर कहलाती है। किसी स्थान पर शोर की अधिकता से उत्पन्न हानिकारक प्रभाव को ध्वनि प्रदूषण कहते हैं ।
* ध्वनि प्रदूषण के दुष्प्रभाव :–
1. श्रवण क्षमता पर हानिकारक प्रभाव।
2. सिरदर्द, वेदना, बेचैनी, उच्च रक्तचाप इत्यादि प्रभाव।
3. अचानक उत्पन्न तीव्र ध्वनि बहरापन उत्पन्न करती हैं ।
4. ध्वनी बूम इत्यादि को हानि पहुंचाते हैं।
प्रश्न 16 मृदा प्रदूषण के कोई चार कारण लिखो।
उत्तर 1.औद्योगिक भट्टीयों द्वारा उत्पन्न राख मृदा प्रदूषण का प्रमुख कारण है।
2. कृषि तकनीक में प्रयुक्त उर्वरक पीड़कनासी, कीटनाशक पदार्थ मृदा प्रदूषण उत्पन्न करती है।
3. परमाणु परीक्षण से उत्पन्न रेडियोधर्मी मृदा प्रदूषण का मुख्य कारण है।
4. भूमि प्रदूषण में सबसे अधिक योगदान घरेलू कचरे का है।
प्रश्न 17. वायु प्रदूषण की रोकथाम के कोई चार उपाय लिखिए ।
उत्तर संसाधनों के विवेकपूर्ण तथा सीमित उपयोग द्वारा वायु प्रदूषण का नियंत्रण किया जा सकता है।
1. अभीशोषण
2. अवशोषण
3. संघनन
4. रासायनिक अभिक्रियाओं द्वारा
प्रश्न 18. खाद व उर्वरक में क्या अंतर है ?
उत्तर
* खाद :–
1. उर्वरक जैविक उत्पाद होते हैं।
2.इनका उपयोग हानिकारक नहीं होता।
3. यह मृदा की जलधारा क्षमता में वृद्धि करते हैं । उदाहरण — कंपोस्ट ,वर्मी कंपोस्ट।
* उर्वरक :—-
1. यह व्यवसायिक स्तर पर रासायनिक प्रक्रम द्वारा प्राप्त उत्पाद हैं।
2. इनका अधिक उपयोग मृदा के लिए हानिकारक होता है ।
3. यह मृदा की अम्लीयता में वृद्धि करते हैं।
उदाहरण — यूरिया ,साइनेमाइड।
प्रश्न 19. वर्मी कंपोस्ट खाद कैसे बनाई जाती है?
उत्तर वर्मी कंपोस्ट खाद केंचुए की विष्ठा से प्राप्त होती है । केंचुए द्वारा पौधों तथा पशुओं के अपशिष्ट पदार्थों को शीघ्र निम्नीकरण की प्रकृति द्वारा बनाया जाता है।
प्रश्न 20. कार्बनिक कृषि क्या है? समझाइए।
उत्तर कार्बनिक खेती, कृषि उत्पादन की वह तकनीक है, जिसमें रासायनिक उर्वरक, पीडकनाशी, शाकनाशी का प्रयोग अत्यधिक कम अथवा नहीं किया जाता है। इस पद्धति में कार्बनिक खाद , कृषि अपशिष्ट तथा पशुधन अपशिष्ट का पुन: चक्रण, जैविक कारक जैसे – हरी नीली शैवाल का संवर्धन जैविक उर्वरक बनाने में किया जाता है ।
प्रश्न 21. गायों और भैंसों की अधिक दूध देने वाली नस्लों के नाम लिखिए ।
उत्तर * गाय :– साहिवाल , सिंध, गिर , देवली , हरियाणवी , रेडडेन , होल्सटीन, जर्सी, ब्रेगुस।
* भैंस :– मुर्रा, जाफराबादी , सुरती ।
प्रश्न 22. पशुओं में होने वाले रोगों का नाम लिखो।
उत्तर खुरपका , मुंहपका, गलघोंट, गिल्टी, तपेदिक , व चेचक पशुओं में होने वाले मुख्य रोग हैं।
प्रश्न 23. मिश्रित फसल क्या है? इसके क्या – क्या लाभ है?
उत्तर एक ही क्षेत्र में दो अथवा अधिक फसलें एक साथ उगाई जाती है । ऐसी फसलें मिश्रित फसलें कहलाती है।
जैसे – गेहूं , चना , सरसों तथा मूंगफली एवं सूरजमुखी ।
* लाभ :–
1 कृषक का आर्थिक लाभ सुनिश्चित होता है ।
2 मृदा में पोषक संतुलन बना रहता है ।
3 कृषि भू-भाग का संपूर्ण उपयोग होता है।
प्रश्न 24. सिंचाई किसे कहते हैं ? सिंचाई के स्रोत व पारंपरिक तरीके लिखो।
उत्तर सिंचाई के स्रोत :– कुंए ,जलकूप, तालाब, झील, नदियां , बांध एवं नहर इत्यादि जल के स्रोत हैं ।
* पारंपरिक तरीके :– 1 मोट ( घिरनी ), 2 चैन ( पंप ), 3 ढेकली , 4 रहट ।
* आधुनिक तरीके :–
1. छिड़काव तंत्र :– इस विधि का उपयोग समतल भूमि के लिए किया जाता है। तथा जहां पर जल कम मात्रा में उपलब्ध होता है। उध्व पाइपों के ऊपरी हिस्सों पर घूमने वाले नोजल लगे होते हैं । यह पाइप निश्चित दूरी पर मुख्य पाइप से जुड़े होते हैं।
2. ड्रिप तंत्र :– इस विधि में जल बूंद-बूंद करके पौधों की जड़ों में गिरता है। अतः इसे ड्रिप तंत्र कहते हैं। यह फलदार पौधे, बगीचों एवं वृक्षों को पानी देने का सर्वोत्तम तरीका है । इससे पौधे को बूंद बूंद करके जल प्राप्त होता है।
प्रश्न 25. मुर्गी पालन के बारे में बताते हुए , मुख्य नस्ले और चरण लिखो।
उत्तर मुर्गी पालन का प्रमुख उद्देश्य अंडे व मांस प्राप्त करना, इसके अतिरिक्त उनसे पंख, खाद, रक्त आदि उप-उत्पाद भी प्राप्त होते हैं।
* मुर्गी की नस्लें :– भारतीय मूल की मुर्गी की नस्ले जैसे लाल जंगली मुर्गी, असील, चटगांव , हागस, बुस्त्रा है । इनका पालन मुख्यतः मांस प्राप्त करने के उद्देश्य से किया जाता है,
* आवास तथा भोजन :– मुर्गियों की अच्छी वृद्धि एवं स्वस्थ रखने हेतु सुरक्षित आवास व पौष्टिक भोजन की व्यवस्था होना चाहिए आवास के आसपास पानी एकत्रित नहीं होना चाहिए।
भोजन के रूप में पीली मक्का, जौ, मूंगफली की खल, गेहूं की चापड़ , चावल का कुंदा , ज्वार , मछली का चूरा , चूना युक्त कंकर , लवण आदि देने चाहिए ।
* स्वास्थ्य :– मुर्गियों मे संक्रामक खाँसी, मैरेक्स, रानीखेत, प्लेन , शीतला आदि प्रमुख रोग होते है।
प्रश्न 26. मधुमक्खी पालन का उद्देश्य बताते हुए , मधुमक्खी में श्रम विभाजन को समझाइए।
उत्तर मधुमक्खी से प्राप्त शहद का उपयोग मानव प्राचीन काल से करता आ रहा है । शहद उच्च ऊर्जा युक्त खाद्य पदार्थ है। शहद में गुलकोज , फ्रक्टोज , सुक्रोज, खनिज लवण आदि पाए जाते हैं। इनका उपयोग औषधियों तथा परीक्षक के रूप में भी किया जाता है। मधुमक्खी से प्राप्त मोम को मधु मोम कहते हैं। इस मोम का उपयोग क्रीम , फर्श पालिस, बूट पॉलिश व मूर्ति कला में किया जाता है। वर्तमान में कृत्रिम मधुमक्खी पालन करके शहद प्राप्त किया जाता है।
* श्रम विभाजन :– मधुमक्खी के रूप व कार्य में विभिन्नता पाई जाती है । मधुमक्खी के छत्ते में तीन प्रकार की मधुमक्खियां पाई जाती है : रानी , नर , श्रमिक। निषेचित अंडों से श्रमिक या रानी का बनना पोषक के अंतर पर निर्भर करता है।
प्रश्न 27. मत्स्य पालन क्या है? इसके विभिन्न चरणों को समझाओ।
उत्तर मछली को प्रमुख रूप से खाद्य पदार्थों के रूप में उपयोग में लिया जाता है। परंतु विटामिन युक्त तेल, प्रोटीन, वसा, फिन, त्वचा, शल्क आदि मछली से प्राप्त होते हैं।
* चरण :-
* आवास :- मत्स्य पालन प्राकृतिक जल स्रोत जैसे समुंद्र, तालाब ,झील व नदियों में किया जाता है।
* मछली की जातियां:– मछलियों का उत्पादन खारे जल की तुलना में अलवणीय जल में अधिक होता हैं। अलवणीय जल में मछली पालन हेतु रोहू, कतला, मृगला आदि मछली की जातियां है।
* भोजन :– प्राकृतिक जलाशयों में मछलियों का भोजन सूक्ष्म जलीय पादप व सूक्ष्मजीव होते हैं ।
* संग्रहण :– जब मछलियां पर्याप्त बड़ी हो जाती है, तो उन्हें जाल की सहायता से अथवा जलाशय में विद्युत प्रवाह करके संग्रह किया जाता है।
* परिक्षण :– मछलियों को सड़ने से बचाव के लिए इन्हें बर्फ में दबाकर परिक्षण किया जाता है।
प्रश्न 28. प्रकाश विकिरण क्या है? समझाते हुए प्रकाश विकिरण को सचित्र समझाइए।
उत्तर सूर्य की विकिरण ऊर्जा या विद्युत चुंबकीय किरणों का वह भाग जो दृश्यमान स्पेक्ट्रम का निर्माण करता है। दृश्य प्रकाश कहलाता है । सूर्य से पृथ्वी पर पहुंचने वाले विकिरण 300 n m से 1000 n m तक तरंगदैर्ध्य होते हैं। इन विकिरणों में से केवल 390 n m से 760 n m तक के विकिरण को ही आंख से देखते हैं। अतः 390 n m से 760 n m तक के तरंग दैर्ध्य विकिरणों को दृश्य प्रकाश कहते हैं। दृश्य प्रकाश जब किसी प्रिज्म में से निकलता है तो यह विभिन्न रंगों के प्रकाश में प्रसारित हो जाता है। उसे बैंगनी , नीला , नीला हरा, हरा , पीला, नारंगी, लाल, बैंगनी रंग की तरंग दैर्ध्य से कम तरंग दैर्ध्य वाली तरंगों के प्रकाश को पराबैंगनी तथा लाल विकिरण की तरंगदैर्ध्य से अधिक वाले को प्रकाश को अवरक्त कहते हैं।
चित्र :–
प्रकाश विकिरण
प्रश्न 29. वायु का संगठन सचित्र समझाइए ?
उत्तर पृथ्वी के चारों ओर वायुमंडल का एक मोटा आवरण है। यह भूमि की सतह से 300 किलोमीटर ऊंचाई तक फैला हुआ है। इसकी 92% वायु 20 किलोमीटर ऊंचाई तक वितरीत है। इस आवरण में विभिन्न अनुपात में विभिन्न गैसे पाई जाती है । वायुमंडल में आयतन के अनुसार नाइट्रोजन 78.09 % ,ऑक्सीजन 20.95 प्रतिशत, ऑर्गन 0.90% , कार्बन डाइऑक्साइड 0.03%, व हाइड्रोजन पाई जाती है।
चित्र :–
वायु का संगठन
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