भूगोल कक्षा 12 अध्याय 1 मानव भूगोल प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

मानव भूगोल प्रकृति एवं विषय क्षेत्रभूगोल कक्षा 12
अध्याय 1 मानव भूगोल प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

अध्याय 1 मानव भूगोल

पाठ्य पुस्तक के प्रश्न उत्तर

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प्रश्न 1- आधुनिक मानव भूगोल के जन्मदाता कौन हैं
उत्तर – रेटजेल

प्रश्न 2 मानव भूगोल चंचल मानव और अस्थाई पृथ्वी के पारस्परिक परिवर्तन संबंधों का अध्ययन है यह परिभाषा किसने दी
उत्तर- एलेन सैंपल

प्रश्न 3 नव नियतिवाद के प्रवर्तक कौन है
उत्तर -ग्रिफिथ टेलर
प्रश्न 4- रेटजेल की पुस्तक का नाम क्या है
उत्तर – अंथोपो जो ग्राफी
प्रश्न 5 संभववाद की विचारधारा किसने दी
उत्तर -विडाल डी ला ब्लाश

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प्रश्न 6 मानव भूगोल के उप क्षेत्रों के नाम बताइए
उत्तर- राजनीतिक भूगोल चिकित्सा भूगोल सामाजिक भूगोल पर्यटन भूगोल आदि
प्रश्न 7 मानव भूगोल की प्रकृति को समझाइए
उत्तर- मानव भूगोल में मानव का केंद्र स्थान होता है मानव भूगोल में मानव द्वारा निर्मित किए गए भौतिक पर्यावरण में संसाधनों का उपयोग करके बनाया होता है जिसमें घर गांव नगर के खेत उद्योग आदि तत्व शामिल होते हैं
प्रश्न 8 मध्य काल में मानव भूगोल के विकास को समझाइए
उत्तर -मध्यकाल में तकनीकी ज्ञान का विकास हुआ जो सभी देशों के रिश्ते को समझने में सहायक बना इस काल में अन्वेषणों और विवरण प्रकाश पर जोर दिया गया इस कारण पृथ्वी को पूर्ण रुप से समझा गया
प्रश्न 9 मानव भूगोल के विषय क्षेत्र का वर्णन कीजिए
उत्तर-
1 जनसंख्या- मानव भूगोल जनसंख्या के प्रारूपों जन समूह प्रवास अधिवास का अध्ययन करता है
2- प्राकृतिक संसाधन- मानव भूगोल प्राकृतिक संसाधन भूमि जल वन खनिज का अध्ययन करता है
3 सांस्कृतिक वातावरण- मनुष्य द्वारा किए गए क्रियाकलापों के परिणाम का अध्ययन मानव भूगोल करता है मानव भूगोल प्रकृति व मानव के संबंध का अध्ययन करता है मानव भूगोल मानव का वातावरण के साथ अनुकूलन जीविका के साथ साधन परिवहन का अध्ययन करता है
4 कालिक अनुक्रम
5 समायोजन व प्रादेशिक संगठन- संसाधनों का मानव समाज मैं वितरण मानव भूगोल का विषय क्षेत्र है वातावरण नियोजन भी मानव भूगोल का विषय क्षेत्र है
6 अन्य प्रदेशों में संबंध- मानव भूगोल में आर्थिक सामाजिक सांस्कृतिक में राजनीतिक संबंधों का अध्ययन किया जाता है

प्रश्न 10 आधुनिक काल में मानव भूगोल के विकास को समझाइए
उत्तर- आधुनिक काल में फ्रांस में मानव भूगोल का सबसे अधिक विकास हुआ जिसमें हंबोल्ट रिटर् फ्रोबेल फेशियल और रेट जेल ने अहम भूमिका निभाई अमेरिका में ब्रिटेन में अभी मानव भूगोल का तेजी से विकास हुआ अमेरिका में एलिन सी सैंपल ने अपना अहम योगदान दिया 20वीं सदी में मानव भूगोल का विकास पूरे विश्व में हो गया रेटजेल को मानव भूगोल का संस्थापक कहा जाता है इन्होंने मानव समाज और धरातल के पारस्परिक संबंधों का अध्ययन पर जोर दिया ग्रिफिथ टेलर नव निश्चयवाद का प्रतिपादक कहा जाता है इस प्रकार मानव भूगोल निरंतर विकास के साथ गतिशील रहा आज मानव भूगोल भूगोल के प्रमुख शाखा बन चुका है

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अध्याय 1 मानव भूगोल अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न 1 पृथ्वी के प्रमुख घटक कौन कौन से हैं
उत्तर -भौतिक पर्यावरण और सांस्कृतिक पर्यावरण
प्रश्न 2 मानव भूगोल में केंद्रीय स्थान किसका है
उत्तर -मानव भूगोल में केंद्रीय स्थान मानव का है
प्रश्न 3 मानव भूगोल का अर्थ क्या है उत्तर- मानव भूगोल प्रगति और मानव के पारस्परिक संबंधों का अध्ययन है
प्रश्न 4 डेविस के अनुसार मानव भूगोल क्या है
उत्तर -मानव भूगोल प्राकृतिक वातावरण और मानवीय क्रियाओं के बीच संबंधों का अध्ययन है
प्रश्न 5 संभववाद से क्या अभिप्राय है
उत्तर- संभववाद निश्चयवाद विचारधारा उसे संभव स्वीकार कर दी गई है कई भूगोलवेत्ताओं ने मानव को स्वतंत्र कारक बताया है वह अपनी इच्छा अनुसार कार्य करने की क्षमता रखता है इस विचारधारा को संभव हुआ कहां जाता है

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अध्याय 1 मानव भूगोल

कक्षा 12 भूगोल नोट्स

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मानव भूगोल का अर्थ व परिभाषा
मानव भूगोल वह विज्ञान है, जिसके अंतर्गत मनुष्य व उसके भौतिक पर्यावरण के मध्य संबंधों का अध्ययन किया जाता है, मानव भूगोल कहलाता है।
रेटजेल के अनुसार- “मानव भूगोल, मानव समाजों और धरातल के मध्य संबंधों का संश्लेषित अध्ययन है।”
एलन चर्चिल सैंपल के अनुसार- ” मानव भूगोल अस्थिर पृथ्वी और चंचल मानव के मध्य परिवर्तनशील संबंधों का अध्ययन है।”
मानव भूगोल की प्रकृति:-
प्रसिद्ध भूगोलवेत्ता ‘जीन ब्रूंस’ के अनुसार जिस प्रकार अर्थशास्त्र का संबंध कीमतों से है, भूगर्भ शास्त्र का संबंध चट्टानों से, वनस्पति शास्त्र का संबंध पेड़ पौधों से, मानवाचार विज्ञान का संबंध जाति से, इतिहास का संबंध समय से, इसी प्रकार भूगोल का संबंध स्थान (भूमि) से है। जिसमें ‘कहां’ तथा ‘क्यों’ जैसे महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयास किया जाता है।
पृथ्वी पर जो भी मानव निर्मित दृश्य दिखाई देते हैं, उन सब का अध्ययन मानव भूगोल के अंतर्गत किया जाता है।
मानव भूगोल में यह विश्लेषण किया जाता है कि पृथ्वी के क्षेत्र में रहने वाला मानव समूह अपनी जैविक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक विकास के लिए वातावरण का उपयोग किस प्रकार करता है। और वातावरण में क्या-क्या बदलाव लाता है। मानव भूगोल में मानव को केंद्रीय भूमिका में रखकर अध्ययन किया जाता है।
मानव भूगोल का विषय क्षेत्र :-
मानव भूगोल का अध्ययन क्षेत्र “हटिंगटन” ने दो भागों में बांटा है –
(1) भौतिक दशाएं
(2) मानवीय अनुक्रिया
मानव भूगोल का विषय क्षेत्र व्यापक है। सारांश में मानव भूगोल के विषय क्षेत्र में निम्नलिखित प्रमुख तत्वों को शामिल किया जाता है:-
(1) जनसंख्या
(2) प्रदेश के प्राकृतिक संसाधन
(3) सांस्कृतिक वातावरण
(4) कालिक अनुक्रम
(5) समायोजन व प्रादेशिक संगठन
(6) दूसरे प्रदेशों से संबंध।
मानव भूगोल का विकास :-
मानव भूगोल का विकास तीन भागों में बटा हुआ है-
(1) प्राचीन काल
(2) मध्यकाल
(3) आधुनिक काल
प्राचीन काल :-
प्राचीन काल में मानव का ज्ञान सीमित था तकनीकी का अभाव तथा प्रकृति का प्रभाव था। भारत, चीन, मिश्र, यूनान, रोम की प्राचीन सभ्यताओं के लोग प्राकृतिक शक्तियों के प्रभाव में थे। वेदों में सूर्य, वायु , अग्नि, जल, वर्षा आदि प्राकृतिक तत्वों को देवता मानकर पूजा जाता था। प्राचीन समय में विभिन्न दार्शनिक यूनान के ” थेल्स एलैक्सी मेण्डर” थे। इतिहासकार हेरोडोटस, हिकेटेयरस आदि विद्वानों ने मानव भूगोल के बारे में विचार दिए।
मध्यकाल :-
इस काल में तकनीकी के विकास के कारण मानव नाव चलाकर प्रकृति के रहस्य जानने के लिए विभिन्न देशों की यात्रा करने लगा। और प्रकृति का अन्वेक्षण, विवरण, विश्लेषण पर जोर दिया और प्रकृति के रहस्य जाने।
आधुनिक काल :-
इस काल की शुरुआत जर्मन भूगोलवेत्ता हम्बोल्ट, रिटर, फ्राबेल, पेशेल,रेटजेल ने की।
फ्रांस में मानव भूगोल का सबसे अधिक विकास हुआ। फ्रेंडरिक रेटजेल को आधुनिक मानव भूगोल का संस्थापक कहा जाता है।
मानव भूगोल की अवधारणा :-
निश्चयवाद
संभववाद
निश्चयवाद
नवनिश्चयवाद :-
अमेरिकी विद्वान (भूगोलवेत्ता) ग्रिफिथ टेलर ने नवनिश्चयवाद (नवनियतिवाद) की अवधारणा दी। उन्होंने नियतिवाद तथा संभववाद के बीच मध्य मार्ग चुनते हुए एक नई संकल्पना प्रस्तुत की। उनके अनुसार मानव प्रकृति में विकास के लिए एक सीमा तक ही जा सकता है। फिर उसे प्रकृति के साथ समझौता करना पड़ता है। यदि मानव प्राकृतिक नियमों का अनुपालन न करते हुए पर्यावरण का विदोहन (उपयोग) करता है तो मानव विनाश की ओर बढ़ता जाएगा और पर्यावरणीय समस्याएँ उत्पन्न हो जाएगी। जैसे ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण, अम्लीय वर्षा आदि। यह विचारधारा मानव तथा प्रकृति में एक संतुलन स्थापित करने का प्रयास करती हैं। इसे “रुको और जाओ निश्चयवाद” भी कहते हैं।

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अन्य तथ्य
हिकेटियस :-
हिकेटियस ने विश्व के बारे में उपलब्ध भौगोलिक ज्ञान को व्यवस्थित रूप में रखने के कारण इन्हें “भूगोल का जनक” कहा जाता है।
एंथ्रोपॉजियोग्राफी :- यह पुस्तक ‘फ्रेडरिक रेटजेल’ के द्वारा लिखी गई।
संभववाद के जनक – पॉल-वीडाल-डी-ला-ब्लाश
मानव भूगोल के घटक :- (1) जैविक (2) अजैविक (3) सांस्कृतिक।
प्रश्न मानव भूगोल के पांच उप-क्षेत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर आर्थिक भूगोल
राजनीतिक भूगोल
ऐतिहासिक भूगोल
सामाजिक भूगोल
सांस्कृतिक भूगोल
प्रश्न प्राचीन सभ्यताओं के प्रमुख केंद्रों के नाम बताइए।
उत्तर भारत – सिंधु घाटी सभ्यता
चीन – मेसोपोटामिया की सभ्यता
मिश्र – नील नदी सभ्यता।

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