कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान पाठ 5 लोकतंत्र

कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान पाठ 5 लोकतंत्रकक्षा 10 सामाजिक विज्ञान पाठ 5 लोकतंत्र   

कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान पाठ 5 लोकतंत्र

प्रश्न   1. democracy ग्रीक भाषा के किन दो शब्दों के सहयोग से बना है और उसका अर्थ क्या है ?  उत्तर अंग्रेजी शब्द ‘डेमोक्रेसी’ का हिंदी अनुवाद है ‘लोकतंत्र’, ‘जनतंत्र’ अथवा ‘प्रजातंत्र’। अंग्रेजी शब्द “डेमोक्रेसी” ग्रीक भाषा के दो शब्दों ‘डेमोस’ तथा ‘केटिया’ के सहयोग से बना है यद्यपि डेमोस का मूल अर्थ है, ‘भीड़’ किंतु आधुनिक काल में इसका अर्थ ‘जनता’ से लिया जाने लगा है। और केटिया का अर्थ है ‘शक्ति’। इस प्रकार शब्दार्थ की दृष्टि से “डेमोक्रेसी” का अर्थ है “जनता की शक्ति”। अतः डेमोक्रेसी का अर्थ है ”जनता की शक्ति पर आधारित शासन तंत्र”। 

इसमें तीन अत: संबंधित अर्थ निहित है:–
1.यह निर्णय लेने की विधि है।
2. यह निर्णय लेने के सिद्धांतों का एक समूह है।
तथा 3. आदर्शात्मक मूल्यों से संबंधित अवधारणा है।
प्रश्न 2. लोकतंत्र के विभिन्न रूप कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर लोकतंत्र के विभिन्न रूप चार प्रकार के हैं :-1.राजनीतिक लोकतंत्र ।
2. सामाजिक लोकतंत्र ।
3. आर्थिक लोकतंत्र ।
4. नैतिक लोकतंत्र ।



प्रश्न 3. राजनीतिक लोकतंत्र व उदारवादी लोकतंत्र किसे कहते हैं ?
उत्तर राजनीतिक लोकतंत्र को अतीत में व्यक्तिवादी लोकतंत्र कहा जाता था, किंतु आधुनिक युग में इसे उदारवादी लोकतंत्र कहा जाता है।
प्रश्न 4. राजनीतिक लोकतंत्र के कितने रूप हैं ?
उत्तर राजनीतिक लोकतंत्र के दो रूप है:-
1.राज्य के एक प्रकार के रूप में लोकतंत्र
तथा 2.शासन के प्रकार के रूप में लोकतंत्र ।
प्रश्न 5. राजनीतिक लोकतंत्र के अंग के रूप में लोकतांत्रिक शासन के कितने उपभेद हैं ?
उत्तर 1.संसदीय लोकतंत्र।
2. अध्यक्षात्मक अथवा प्रतिनिधि लोकतंत्र।
यह उल्लेखनीय है कि आधुनिक युग में प्रतिनिधि लोकतंत्र के भी मुख्यतः दो रूप प्रचलित है:–
1. संसदीय लोकतंत्र , 2.अध्यक्षात्मक लोकतंत्र।
प्रश्न 6. लोकतांत्रिक राज्य में लोकतांत्रिक शासन अर्थात संपूर्ण राजनीतिक लोकतंत्र की कुछ आधारभूत मान्यताएं क्या है?
उत्तर 1. राजनीतिक लोकतंत्र उदारवादी संविधानवाद में विश्वास करता है।
2. यह प्रभुसत्ता का निवास जनता में मानता है।
3. राजनीतिक लोकतंत्र का सैद्धांतिक पक्ष लोकतांत्रिक राज्य है और इसका व्यवहारिक पक्ष लोकतांत्रिक शासन है।
4. जनता शासन (सरकार) को नियुक्त करती है, उस पर नियंत्रण करती है, तथा उसे हटा भी सकती है।
प्रश्न 7. व्यवहार में सामाजिक लोकतंत्र की स्थापना के लिए क्या दो बातें आवश्यक है?
उत्तर 1. धर्म ,जाति, नस्ल ,भाषा, लिंग, धन आदि के आधार पर समाज में मौजूद विशेषाधिकारों की व्यवस्था का अंत किया जाए।
2. सभी व्यक्तियों को सामाजिक प्रगति के समान अवसर प्रदान किए जाए।
प्रश्न 8. आर्थिक लोकतंत्र क्या है?
उत्तर अर्थव्यवस्था के एक प्रकार के रूप में लोकतंत्र को ‘आर्थिक लोकतंत्र’ कहा जाता है।
प्रश्न 9. नैतिक लोकतंत्र से क्या तात्पर्य है?
उत्तर कुछ विद्वानों ने लोकतंत्र को एक नैतिक व आध्यात्मिक जीवन – दर्शन के रूप में स्वीकार किया है । लोकतंत्र के प्रति इस नैतिक दृष्टिकोण को ही नैतिक लोकतंत्र कहा जाता है।
प्रश्न 10. लोकतंत्र के परंपरागत उदारवादी सिद्धांत की आधारभूत मान्यताएं एवं लक्षण क्या हैं?



 

उत्तर 1.व्यक्ति बुद्धिमान प्राणी है, अतः अपना हित- अहित समझने की क्षमता रखता है।
2. सभी व्यक्ति मूलत: समान है ।
3. शासन का गठन उदारवादी एवं लोकतांत्रिक संविधानवाद के अनुसार होना चाहिए अर्थात सीमित शासन के सिद्धांत का पालन किया जाना चाहिए।
4.निश्चित अवधि के बाद स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होने चाहिए और एक से अधिक राजनीतिक दल होने चाहिए।
प्रश्न 11. लोकतांत्रिक समाजवाद से क्या तात्पर्य है? उत्तर लोकतंत्र का समाजवादी सिद्धांत लोकतंत्र के जीस स्वरूप पर बल देता है, उसे प्रायः लोकतांत्रिक समाजवाद भी कहा जाता है।
प्रश्न 12. प्रत्यक्ष लोकतंत्र किसे कहते हैं ?
उत्तर प्रत्यक्ष लोकतंत्र के अंतर्गत जनता स्वयं प्रत्यक्ष रुप से राज्य की प्रभुत्व शक्ति का पूर्ण प्रयोग करती है वह नीति संबंधी फैसले लेती है, कानून बनाती है, तथा प्रशासनिक अधिकारियों को नियुक्त करती है।
प्रश्न 13. अप्रत्यक्ष लोकतंत्र किसे कहते हैं ?
उत्तर अप्रत्यक्ष लोकतंत्र इसके अंतर्गत जनता स्वयं प्रत्यक्ष रुप से शासन की शक्ति का प्रयोग नहीं करती है अपितु अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से प्रभुत्व शक्ति का प्रयोग करती है ।
प्रश्न 14. लोकतंत्र की प्रमुख विशेषताएं क्या है?
उत्तर 1. जनता का शासन:- शासन की एक प्रणाली के रूप में लोकतंत्र संपूर्ण जनता का शासन होता है। ‘जनता’ का अर्थ संपूर्ण “जन समूह एवं प्रत्येक व्यक्ति” से है। इस प्रकार यह किसी विशेष नस्ल, भाषा, संस्कृति आदि से संबंधित वर्ग का शासन नहीं है।
2. जनता द्वारा निर्मित शासन:- लोकतंत्र में सरकार का निर्माण जनता द्वारा किया जाता है। इसमें जनता अपने प्रतिनिधि चुनती है और वे प्रतिनिधि सरकार का निर्माण करती है।
3. लोकतंत्र शासन का एक साधन है, साध्य नहीं :-लोकतंत्र में शासन को कभी भी साध्य नहीं माना जाता, अपितु शासन को एक साधन माना जाता है। वास्तव में लोकतंत्र में शासन निम्नलिखित साध्यों (लोकतांत्रिक साध्यों)की प्राप्ति का साधन माना जाता है। * व्यक्ति की स्वतंत्रता एवं गौरव की रक्षा , तथा *सार्वजनिक हित की वृद्धि ।
प्रश्न 15. आधुनिक विश्व में प्रतिनिधि प्रजातंत्र के दो रूप कौन से हैं?
उत्तर संसदात्मक शासन तथा अध्यक्षात्मक शासन। प्रथम का आदर्श उदाहरण- संयुक्त राज्य अमेरिका की शासन प्रणाली है। स्विट्ज़रलैंड एक ऐसा देश है जिसमें संघीय स्तर पर संसदात्मक व अध्यक्षात्मक शासन प्रणालियों के मिश्रित रूप को अपनाया गया है।



 

प्रश्न 16. राजनीतिक दलों का निर्माण किसके हित में होता है?
उत्तर .राजनीतिक दलों का निर्माण राष्ट्रीय हित में होता है।
प्रश्न 17. राज्यों ने युद्ध में कौन सी नीति को अपनाया था ?
उत्तर ब्रिटेन, फ्रांस आदि यूरोप के लोकतांत्रिक राज्यों ने युद्ध एवं साम्राज्यवाद की नीति को अपनाया था।
प्रश्न 18. लोकतंत्र की सफलता के लिए क्या जरूरी है?
उत्तर लोकतंत्र की सफलता के लिए जरूरी है कि व्यक्तियों के बीच धर्म, जाति, भाषा, रंग,नस्ल, लिंग जन्म आदि के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाए। सभी व्यक्ति कानून के सामने समान माने जाए और उन्हें न्यायालय समान कानून संरक्षण दे ।
प्रश्न 19. लोकतंत्र की सफलता के लिए क्या आवश्यक है ?
उत्तर लोकतंत्र की सफलता के लिए जनता का शिक्षित एवं जागरूक होना आवश्यक है। इसके अलावा जब जनता जागरुक होती है तो सरकार की लोकतंत्र विरोधी नीतियों एवं कार्यों का विरोध करने में भी समर्थ होती है।



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