रैखिक उत्पादन फलन Linear Production Function एक सरल प्रकार का उत्पादन फलन है, जिसमें उत्पादन (Output) और उत्पादन के साधन (Inputs) के बीच संबंध रैखिक (Linear) होता है। इसमें उत्पादन की मात्रा, उत्पादन के साधनों (जैसे श्रम और पूंजी) के योग के समानुपाती होती है।
रैखिक उत्पादन फलन को गणितीय रूप में इस प्रकार व्यक्त किया जाता है:
[Q = aL + bK ]
जहाँ:
- ( Q ) = उत्पादन की मात्रा (Output)
- ( L ) = श्रम (Labour) की मात्रा
- ( K ) = पूंजी (Capital) की मात्रा
- ( a ) और ( b ) = स्थिरांक (Constants), जो श्रम और पूंजी की उत्पादकता को दर्शाते हैं।
रैखिक उत्पादन फलन की विशेषताएँ:
- संयोजन की लचीलापन: इसमें श्रम और पूंजी को एक-दूसरे के स्थान पर प्रतिस्थापित किया जा सकता है।
- स्थिर रिटर्न: यदि श्रम और पूंजी को एक निश्चित अनुपात में बढ़ाया जाए, तो उत्पादन भी उसी अनुपात में बढ़ता है।
- सरलता: यह फलन गणितीय रूप से सरल होता है और इसे समझना आसान होता है।
उदाहरण:
मान लीजिए कि एक कंपनी में उत्पादन फलन निम्नलिखित है:
[ Q = 2L + 3K ]
- यदि ( L = 10 ) (10 घंटे श्रम) और ( K = 5 ) (5 यूनिट पूंजी) हो, तो:
[ Q = 2(10) + 3(5) = 20 + 15 = 35 ] - इस प्रकार, कुल उत्पादन 35 यूनिट होगा।
रैखिक उत्पादन फलन का ग्राफ:
- रैखिक उत्पादन फलन का ग्राफ एक सीधी रेखा होता है।
- यह दर्शाता है कि उत्पादन, श्रम और पूंजी के योग के समानुपाती है।
सीमाएँ:
- यह फलन वास्तविक दुनिया की जटिलताओं को पूरी तरह से नहीं दर्शाता है।
- इसमें उत्पादन के साधनों के बीच प्रतिस्थापन की सीमाएँ नहीं होती हैं।
रैखिक उत्पादन फलन का उपयोग अक्सर सरल आर्थिक मॉडलों और शुरुआती विश्लेषण में किया जाता है।