लेखक परिचय: ललद्यद (लल्लेश्वरी)
- कश्मीरी भाषा की प्रसिद्ध संत-कवयित्री
ललद्यद, जिन्हें लल्लेश्वरी, लला, लामा योगेश्वरी और ललारिका जैसे नामों से भी जाना जाता है, कश्मीरी साहित्य की एक अद्वितीय कवयित्री थीं। - जन्म स्थान और समय
उनका जन्म 1320 ई. के आसपास कश्मीर के पास्पोर जिले के सिमपुरा गांव में हुआ था। - जीवन और व्यक्तित्व
उनके जीवन से जुड़ी प्रमाणित जानकारी उपलब्ध नहीं है। फिर भी, उनके कृतित्व और विचारों ने उन्हें लोक जीवन में अमर कर दिया। - मृत्यु का समय
ललद्यद का निधन 1390 ई. के आसपास माना जाता है। - साहित्यिक शैली
उनकी कविताओं को “वाख” कहा जाता है, जो उनकी अनूठी शैली को दर्शाती हैं। - विचारधारा और योगदान
- उन्होंने जाति और धर्म की संकीर्णताओं से ऊपर उठने की प्रेरणा दी।
- धार्मिक आडंबरों का विरोध किया और प्रेम को सबसे बड़ा मूल्य बताया।
- उनकी कविताएं जीवन से जुड़े गहरे सत्य और मार्गदर्शन प्रदान करती हैं।
- भाषा और शैली
ललद्यद ने सरल और लोक जीवन से प्रेरित भाषा का उपयोग किया। उनकी कविताएं आधुनिक कश्मीरी भाषा का आधार मानी जाती हैं। - महत्व
उनकी रचनाएं न केवल कश्मीरी साहित्य का प्रमुख स्तंभ हैं, बल्कि मानवता के मूल्यों की अभिव्यक्ति भी हैं।