Gokulbhai Bhatt गोकुलभाई भट्ट

Gokulbhai Bhatt गोकुलभाई भट्ट

Gokulbhai Bhatt गोकुलभाई भट्ट

जन्म — 19 फरवरी 1898
स्थान — हाथल गांव , सिरोही ( राजस्थान)
( साधारण ब्राह्मण परिवार में जन्म हुआ)
पूरा नाम — गोकुलभाई दौलतराम भट्ट
माता — चंपाबाई
पिता — दौलतराम
प्रारंभिक शिक्षा — उन्होने मुंबई से ही अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करना शुरू किया था।( उनका बचपन मुंबई में ही गुजरा ।)
उच्च शिक्षा — उन्होंने कृषि विज्ञान में पढ़ाई के लिए यू.एस.ए. जाने का विचार किया , परंतु वह नहीं गए।
उपनाम — राजस्थान के गांधी।
( स्वतंत्रता सेनानी के साथ-साथ वह सामाजिक कार्यकर्ता , कवि, पत्रकार , बहुभाषाविद् व लेखक थे।)
वह आजादी के समय राजस्थान के लोगों में राष्ट्रीय चेतना जागृत करने वाले महत्वपूर्ण क्रांतिकारी थे ।
मृत्यु :– 6 अक्टूबर 1986 को ।
( गोकुलभाई भट्ट ने देश की आजादी व समाज सेवा करने में अपना संपूर्ण जीवन लगा दिया।)
* अन्य :–
1920 में भट्ट जी ने ‘असहयोग आंदोलन’ में भाग लिया।
गांधी जी के विचारों तथा उनके देश के प्रति समर्पण के भाव से गोकुलभाई बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने आगे पढ़ने का विचार ही त्याग दिया,और वह आजादी की लड़ाई में कूद पड़े ।
उन्हे पहली बार 6 अप्रैल 1921 को मुंबई सरकार ने गिरफ्तार किया।
1930 में ‘नमक सत्याग्रह’ के समय उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। जेल से रिहा होने के बाद वह भूमिगत रहे , जिसके कारण उन्हें फिर से गिरफ्तार किया गया था।
1942 में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में सक्रिय रूप से भाग लेने के कारण उन्हे 8 अगस्त को मुंबई में गिरफ्तार किया गया, और वह 4 साल तक जेल में रहे।
गोकुलभाई भट्ट ने खादी ग्रामोद्योग, शराबबंदी, गौसेवा, प्राकृतिक चिकित्सा , ग्राम स्वराज्य , तथा भूदान आंदोलन का प्रचार प्रसार किया।
उन्होंने जल संरक्षण पर बहुत जोर दिया।
विनोबा भावे के ‘भूदान आंदोलन’ में उन्होंने योगदान दिया तथा लोगों को जागरूक बनाया।
1940 में गोकुल भाई की प्रेरणा से ही लोग ‘झंडेवाली टोपियाँ’ पहनने लगे थे।
1948 में वह जयपुर कांग्रेस की “स्वागत समिति” के अध्यक्ष रहे।
22 जनवरी 1938 में उन्होंने ‘सिरोही प्रजामंडल’ का गठन किया तथा इस सभा के दौरान 1939 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
नेहरू जी की अध्यक्षता में आयोजित ‘अखिल भारतीय देशी राज्य लोक परिषद्’ के अधिवेशन में 1946 में ‘राजपूत देशी राज्य प्रजा परिषद्’ का पहली बार विविध गठन किया गया, तथा भट्ट जी को प्रथम अध्यक्ष चुना गया।
गोकुलभाई कुछ समय तक ‘सिरोही रियासत’ के मुख्यमंत्री भी बने थे ।
पुरस्कार :–
1971 में भारत सरकार द्वारा देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान “पद्म भूषण पुरस्कार” से गोकुलभाई भट्ट को नवाजा गया था।
वर्ष 1982 में उन्हें ‘जमनालाल बजाज पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया गया था।
गोकुलभाई भट्ट का लगभग 50 वर्ष की सेवा का जीवन बहुत ही घटनापूर्ण रहा।

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