कक्षा 10 की सामाजिक विज्ञान अध्याय 1 राष्ट्रवाद का उदय

कक्षा 10 की सामाजिक विज्ञान अध्याय 1 राष्ट्रवाद का उदय एनसीईआरटी कक्षा 10 की सामाजिक विज्ञान की पुस्तक “भारत और समकालीन विश्व – II” के अध्याय 1 “राष्ट्रवाद का उदय”

    वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQ)

    1871 में राजा विलियम प्रथम को किस देश का सम्राट घोषित किया गया?
  1. (अ) इटली
  2. (ब) फ्रांस
  3. (स) जर्मनी
  4. (द) अमेरिका
  5. Answer

    Answer: (स) जर्मनी

    जर्मनी के एकीकरण में मुख्य भूमिका किसने निभाई?
  6. (अ) ओटो वॉन बिस्मार्क
  7. (ब) ग्यूसेप्पे मैज़िनी
  8. (स) नेपोलियन
  9. (द) विक्टर इमैनुएल
  10. Answer

    Answer: (अ) ओटो वॉन बिस्मार्क

    जर्मनी का एकीकरण किस वर्ष पूरा हुआ?
  11. (अ) 1848
  12. (ब) 1861
  13. (स) 1871
  14. (द) 1901
  15. Answer

    Answer: (स) 1871

    प्रूसिया का प्रधान मंत्री कौन था जिसने जर्मनी का एकीकरण कराया?
  16. (अ) काइज़र विलियम
  17. (ब) ऑटो वॉन बिस्मार्क
  18. (स) नेपोलियन
  19. (द) गारिबाल्डी
  20. Answer

    Answer: (ब) ऑटो वॉन बिस्मार्क

    निम्नलिखित में से कौन सा युद्ध जर्मनी के एकीकरण में महत्वपूर्ण था?
  21. (अ) अमेरिकी गृह युद्ध
  22. (ब) क्रीमियन युद्ध
  23. (स) फ्रेंको-प्रुशियन युद्ध
  24. (द) विश्व युद्ध I
  25. Answer

    Answer: (स) फ्रेंको-प्रुशियन युद्ध

    बिस्मार्क की किस नीति ने जर्मनी के एकीकरण में मदद की?
  26. (अ) लोकतंत्र
  27. (ब) समाजवाद
  28. (स) रक्त और लोहे की नीति
  29. (द) अहिंसा
  30. Answer

    Answer: (स) रक्त और लोहे की नीति

    जर्मनी के एकीकरण के समय किस देश के साथ संघर्ष नहीं हुआ?
  31. (अ) डेनमार्क
  32. (ब) ऑस्ट्रिया
  33. (स) फ्रांस
  34. (द) रूस
  35. Answer

    Answer: (द) रूस

    किसने कहा, “जर्मनी का एकीकरण रक्त और लोहे द्वारा होगा”?
  36. (अ) नेपोलियन
  37. (ब) गारिबाल्डी
  38. (स) ऑटो वॉन बिस्मार्क
  39. (द) फ्रेडरिक विलियम IV
  40. Answer

    Answer: (स) ऑटो वॉन बिस्मार्क

    किसने 1848 की क्रांति के बाद फ्रैंकफर्ट संसद की अध्यक्षता की?
  41. (अ) जॉन गॉटफ्रेड
  42. (ब) हेनरिक वॉन गैगर्न
  43. (स) कार्ल मार्क्स
  44. (द) लुई ब्लैंक
  45. Answer

    Answer: (ब) हेनरिक वॉन गैगर्न

    फ्रेंको-प्रुशियन युद्ध में किसकी जीत हुई?
  46. (अ) फ्रांस
  47. (ब) प्रूसिया
  48. (स) ऑस्ट्रिया
  49. (द) इटली
  50. Answer

    Answer: (ब) प्रूसिया

      सही/गलत प्रश्न

      1871 में राजा विलियम प्रथम को फ्रांस का सम्राट घोषित किया गया।
      Answer

      उत्तर: गलत

      ऑटो वॉन बिस्मार्क ने जर्मनी के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
      Answer

      उत्तर: सही

      जर्मनी का एकीकरण 1901 में पूरा हुआ।
      Answer

      उत्तर: गलत

      फ्रेंको-प्रुशियन युद्ध जर्मनी के एकीकरण के लिए महत्वपूर्ण था।
      Answer

      उत्तर: सही

      प्रूसिया जर्मनी के एकीकरण में एक प्रमुख राज्य था।
      Answer

      उत्तर: सही

      संक्षिप्त उत्तर प्रश्न

      जर्मनी के एकीकरण में ऑटो वॉन बिस्मार्क की भूमिका क्या थी?
      Answer

      उत्तर: जर्मनी के एकीकरण में ऑटो वॉन बिस्मार्क ने नेतृत्व की भूमिका निभाई। उन्होंने रक्त और लोहे की नीति अपनाई और प्रूसिया को मजबूत बनाया। उन्होंने डेनमार्क, ऑस्ट्रिया और फ्रांस के खिलाफ सफल युद्ध किए।

      फ्रेंको-प्रुशियन युद्ध के कारण और परिणाम बताइए।
      Answer

      उत्तर: फ्रेंको-प्रुशियन युद्ध का कारण बिस्मार्क की नीति और फ्रांस की असुरक्षा थी। परिणामस्वरूप, फ्रांस की हार हुई और जर्मनी का एकीकरण संभव हुआ।

      1871 में राजा विलियम प्रथम को कहाँ और कैसे जर्मनी का सम्राट घोषित किया गया?
      Answer

      उत्तर: 1871 में वर्साय के हॉल ऑफ़ मिरर्स में राजा विलियम प्रथम को जर्मनी का सम्राट घोषित किया गया।

      जर्मनी के एकीकरण में प्रूसिया की क्या भूमिका थी?
      Answer

      उत्तर: प्रूसिया ने जर्मनी के एकीकरण में मुख्य भूमिका निभाई। यह सबसे शक्तिशाली राज्य था और इसके नेतृत्व में अन्य जर्मन राज्यों का एकीकरण हुआ।

      बिस्मार्क की रक्त और लोहे की नीति का क्या अर्थ है?
      Answer

      उत्तर: बिस्मार्क की रक्त और लोहे की नीति का अर्थ था कि जर्मनी का एकीकरण केवल युद्ध और सैन्य शक्ति के माध्यम से ही संभव है।

      जर्मनी और इटली के एकीकरण में क्या समानताएँ और असमानताएँ हैं?
      Answer

      उत्तर: दोनों एकीकरण राष्ट्रवाद और युद्ध के माध्यम से हुए। जर्मनी का एकीकरण प्रूसिया के नेतृत्व में हुआ, जबकि इटली का एकीकरण पिडमोंट-सार्डिनिया के नेतृत्व में हुआ।

      जर्मनी के एकीकरण के लिए कौन-कौन से महत्वपूर्ण युद्ध लड़े गए?
      Answer

      उत्तर: जर्मनी के एकीकरण के लिए डेनमार्क-प्रुशियन युद्ध (1864), ऑस्ट्रो-प्रुशियन युद्ध (1866), और फ्रेंको-प्रुशियन युद्ध (1870-1871) महत्वपूर्ण थे।

      फ्रैंकफर्ट संसद का क्या महत्व था?
      Answer

      उत्तर: फ्रैंकफर्ट संसद 1848 में गठित हुई थी और इसका उद्देश्य जर्मनी का लोकतांत्रिक संघ बनाना था, लेकिन यह असफल रही।

      जर्मनी के एकीकरण से यूरोप की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ा?
      Answer

      उत्तर: जर्मनी के एकीकरण से यूरोप की शक्ति संतुलन बदल गई। यह फ्रांस की हार और जर्मनी की मजबूती के साथ समाप्त हुआ।

      ऑस्ट्रिया और प्रूसिया के बीच क्या संबंध था?
      Answer

      उत्तर: ऑस्ट्रिया और प्रूसिया के बीच संघर्ष जर्मनी के एकीकरण की प्रक्रिया का हिस्सा था। ऑस्ट्रो-प्रुशियन युद्ध में प्रूसिया की जीत ने उसे प्रमुख बना दिया।

      लंबे उत्तर प्रश्न

      1 जर्मनी के एकीकरण की प्रक्रिया का विस्तृत वर्णन कीजिए।
      Answer

      उत्तर: जर्मनी का एकीकरण कई चरणों में हुआ और इसमें महत्वपूर्ण भूमिका ऑटो वॉन बिस्मार्क की थी। शुरुआत में, बिस्मार्क ने डेनमार्क-प्रुशियन युद्ध (1864) में सफलता पाई, जिसके बाद उन्होंने ऑस्ट्रिया-प्रुशियन युद्ध (1866) में जीत हासिल की। इसके बाद, फ्रांस के साथ फ्रेंको-प्रुशियन युद्ध (1870-71) लड़ा गया, जिसमें प्रूसिया की विजय ने जर्मनी के एकीकरण का मार्ग प्रशस्त किया। 18 जनवरी 1871 को वर्साय के हॉल ऑफ़ मिरर्स में राजा विलियम प्रथम को जर्मनी का सम्राट घोषित किया गया। इस एकीकरण से जर्मनी एक मजबूत और एकीकृत राष्ट्र बन गया, जो आगे चलकर यूरोप की राजनीति में एक प्रमुख शक्ति बना।

      2 बिस्मार्क की नेतृत्व क्षमता और नीतियों का विश्लेषण कीजिए।
      Answer

      उत्तर: बिस्मार्क की नेतृत्व क्षमता और उनकी रक्त और लोहे की नीति ने जर्मनी के एकीकरण को संभव बनाया। उन्होंने कूटनीति और युद्ध दोनों का कुशलतापूर्वक उपयोग किया। बिस्मार्क ने प्रूसिया को मजबूत बनाया और उसे जर्मनी का केंद्र बनाया। उन्होंने डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, और फ्रांस के खिलाफ सफल युद्ध किए, जिनका उद्देश्य जर्मनी को एकीकृत करना था। उनकी नीति में दृढ़ संकल्प, सैन्य शक्ति का उपयोग, और राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखना शामिल था। उनकी रणनीति का परिणाम एक मजबूत और एकीकृत जर्मनी के रूप में सामने आया, जिसने यूरोप में शक्ति संतुलन को बदल दिया।

      3. फ्रेंको-प्रुशियन युद्ध के कारणों और प्रभावों का विश्लेषण कीजिए।
      Answer

      उत्तर: फ्रेंको-प्रुशियन युद्ध (1870-1871) का प्रमुख कारण बिस्मार्क की रणनीति थी, जिसने फ्रांस को कमजोर करने और जर्मनी के राज्यों को एकजुट करने का उद्देश्य रखा। स्पेनिश सिंहासन विवाद ने इस संघर्ष को प्रज्वलित किया। फ्रांस को डर था कि स्पेनिश सिंहासन पर एक प्रूशियन राजकुमार के बैठने से उसे घेर लिया जाएगा। बिस्मार्क ने फ्रांस को युद्ध के लिए उकसाया, और जब नेपोलियन III ने युद्ध की घोषणा की, तो बिस्मार्क ने जर्मनी के सभी राज्यों को प्रूसिया के पक्ष में एकजुट कर दिया। युद्ध में फ्रांस को पराजय का सामना करना पड़ा, और 1871 में फ्रांस ने आत्मसमर्पण कर दिया। इस युद्ध के परिणामस्वरूप, फ्रांस को भारी हर्जाना भरना पड़ा और अपने कुछ क्षेत्रों (एलसास और लॉरेन) को जर्मनी को सौंपना पड़ा। इस युद्ध के बाद, 18 जनवरी 1871 को वर्साय में जर्मनी का औपचारिक एकीकरण हुआ और विलियम प्रथम को जर्मनी का सम्राट घोषित किया गया। इस युद्ध ने न केवल जर्मनी को एकीकृत किया बल्कि यूरोप की राजनीति में भी महत्वपूर्ण बदलाव लाए, जिससे फ्रांस कमजोर हुआ और जर्मनी एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभरा।

      4. जर्मनी के एकीकरण का यूरोप की शक्ति संतुलन पर क्या प्रभाव पड़ा?
      Answer

      उत्तर: जर्मनी के एकीकरण ने यूरोप की शक्ति संतुलन पर गहरा प्रभाव डाला। इससे पहले, यूरोप में फ्रांस, ब्रिटेन, और रूस जैसी शक्तियाँ प्रमुख थीं। जर्मनी के एकीकरण ने इन देशों के बीच शक्ति संतुलन को बदल दिया। जर्मनी एक एकीकृत और सैन्य रूप से मजबूत राष्ट्र बनकर उभरा, जिसने फ्रांस और ऑस्ट्रिया जैसे देशों को कमजोर कर दिया। इस नए जर्मन साम्राज्य ने औद्योगिक और सैन्य क्षेत्रों में तेजी से प्रगति की, जिससे वह यूरोप की प्रमुख शक्तियों में से एक बन गया। जर्मनी के एकीकरण ने यूरोप में राष्ट्रवाद की भावना को भी बढ़ावा दिया, जिससे आगे चलकर यूरोपीय देशों के बीच तनाव और प्रतिद्वंद्विता बढ़ी। इसके अलावा, इसने यूरोप में गठबंधनों के निर्माण को प्रोत्साहित किया, जो आगे चलकर प्रथम विश्व युद्ध का एक प्रमुख कारण बना। इस प्रकार, जर्मनी के एकीकरण ने न केवल यूरोप की शक्ति संतुलन को बदल दिया बल्कि पूरे महाद्वीप में स्थिरता और संघर्ष के नए युग की शुरुआत की।

      5. 19वीं सदी में राष्ट्रवाद के उदय के कारणों का वर्णन कीजिए।
      Answer

      उत्तर: 19वीं सदी में यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय कई कारणों से हुआ। सबसे प्रमुख कारण नेपोलियन युद्धों का प्रभाव था, जिसने यूरोप के विभिन्न हिस्सों में राष्ट्रीय एकता और स्वतंत्रता की भावना को प्रेरित किया। नेपोलियन द्वारा स्थापित यूरोपीय व्यवस्था ने छोटे-छोटे राज्यों को एकजुट करने और उन्हें राष्ट्रवादी विचारधाराओं से जोड़ने का काम किया। औद्योगिक क्रांति ने भी राष्ट्रवाद के उदय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। औद्योगिक विकास ने आर्थिक प्रतिस्पर्धा और राष्ट्रीय पहचान को मजबूत किया, जिससे लोग अपने राष्ट्र के प्रति अधिक समर्पित हो गए। साहित्य, कला, और संस्कृति में भी राष्ट्रवादी विचारधाराओं का प्रचार हुआ, जिसने राष्ट्रीय गर्व और एकता की भावना को बढ़ावा दिया। इसके अलावा, राजनीतिक घटनाओं जैसे 1848 की क्रांतियाँ, जो यूरोप भर में फैल गईं, ने भी राष्ट्रवादी आंदोलनों को प्रेरित किया। इन आंदोलनों ने लोकतंत्र, स्वतंत्रता, और राष्ट्रीय एकता की मांग की। इटली और जर्मनी के एकीकरण, जिन्हें राष्ट्रवादी नेताओं जैसे गारिबाल्डी और बिस्मार्क द्वारा नेतृत्व किया गया, ने भी पूरे महाद्वीप में राष्ट्रवाद को और बढ़ावा दिया। इस प्रकार, 19वीं सदी में राष्ट्रवाद का उदय एक जटिल और बहुआयामी प्रक्रिया थी, जिसने यूरोप की राजनीति, समाज, और संस्कृति को गहराई से प्रभावित किया।

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