भारत की विविधताओं में एकता

भारत की विविधताओं में एकताभारत विविधताओं में एकता

भारत की विविधताओं में एकता

परिचय :- भारत विश्व का एक ऐसा देश है जहाँ अनेक प्रकार की विविधताएँ देखने को मिलती है। यहाँ पर प्राकृतिक स्वरूप , स्थलाकृतिक स्वरूप , जलवायु पेड़-पौधों , मृदा , कृषि , उद्योग ,धर्म , रीति- रिवाज, भोजन आदि में विविधताएँ देखने को मिलती है । यह विविधताएँ विस्तार से निम्न प्रकार है :-

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★ भारत में विविधताएँ :– भारत में पाई जाने वाली विविधताओं को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा जा सकता है ।
1. प्राकृतिक विविधताऐं
2. आर्थिक विविधताऐं
3. जनसांख्यिकीय विविधताऐं
1. प्राकृतिक विविधताऐं :– यह निम्नलिखित है —
1. स्थलाकृतिक विविधता
2. संरचनात्मक विविधता
3. जल प्रवाह संबंधित विविधता
4. जलवायु संबंधित विविधता
5. मृदा संबंधित विविधता
6. जलीय आवश्यकता संबंधित विविधता
7. वनस्पतिक विविधता

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2. आर्थिक विविधताऐं :– यह निम्नलिखित है —

1. कृषि संबंधित विविधता
2. सिंचाई के साधनों की विविधता
3. ऊर्जा के साधनों की विविधता
4. खनिज संबंधित विविधता
5. औद्योगिक विविधता
6. आवागमन साधनों की विविधता
7. संचार के साधनों की विविधता
A. प्राकृतिक विविधता :–
1. स्थलाकृतिक विविधता :– भारत में अनेक प्रकार की स्थलाकृतियाँ पाई जाती है। यहां एक और विश्व का सर्वाधिक ऊंचा पर्वत हिमालय स्थित है तथा दूसरी और उत्तरी मैदान , थार मरुस्थल, दक्षिण का पठार, तटीय मैदान, दीप समूह स्थित है।
2. संरचनात्मक विविधता :– भारत विश्व में कुछ गिने-चुने देशों में से एक है जहां सभी युगों की चट्टानें पाई जाती है। यहां प्राचीनतम पिंड के रूप में दक्षिण का पठार है , तथा नवीनतम वलित पर्वतमाला हिमालय हैं । और. प्राचीनतम तथा अवशिष्ट पर्वत जैसे — अरावली, सतपुड़ा, विंध्याचल आदि पर्वत स्थित है।
3. जल प्रवाह संबंधित विविधता :– भारत में जल प्रवाह संबंधित विविधताऐं पाई जाती है। यहां एक और हिमालय से निकलने वाली नदियाँ बारहमासी होती है, जिन्हें वर्ष भर हिमनद के पिघलने से जल प्राप्त होता रहता है। दूसरी ओर दक्षिण के पठार से निकलने वाली नदियाँ मौसमी नदियाँ होती है। जिन्हें केवल जल वर्षा ऋतु में ही प्राप्त होता है। यहाँ कई स्थानों पर खारे पानी की झीलें तो कहीं मीठे पानी की झीले स्थित है।
4. जलवायु संबंधित विविधता :– भारत के मध्य से कर्क रेखा गुजरने के कारण दक्षिण भारत में उष्ण जलवायु तथा उत्तरी भारत में शीतोष्ण जलवायु पाई जाती है। यहां पर किन्हीं स्थानों पर ग्रीष्म ऋतु में तापमान 45℃ से अधिक हो जाता है जबकि किन्हीं स्थानों पर शीत ऋतु में तापमान 0℃ से कम हो जाता है । यहां वर्षा में भी विविधता पाई जाती है । देश की 90% वर्षा ग्रीष्म ऋतु में होती है । जबकि 10% वर्षा शीत ऋतु में होती है ।
5. जलीय आवश्यकता संबंधित विविधता :– भारत में कृषि कार्य करने के लिए जहां पर कम वर्षा होती है, वहां जल की आवश्यकता अधिक होती है। तथा जहां पर अधिक वर्षा होती है, वहां जल की आवश्यकता कम होती है। वर्षा की भिन्नता के कारण यहां इन्हीं स्थानों पर सूखा पड़ता है, तो किन्ही स्थानों पर बाढ़ आ जाती है । (वर्तमान उदाहरण — केरल)
6. मृदा संबंधित विविधता :– भारत के विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग मृदा पाई जाती है। भारत में विभिन्न मृदाएं जैसे — लाल मृदा, पीली, भुरी , काली मृदा, काँप मृदा , लैटेराइट मृदा , पर्वतीय मृदा , मरुस्थलीय मृदा इत्यादि विभिन्न स्थानों पर पाई जाती है। इन मृदाओं में काली मृदा सबसे अधिक उपजाऊ मिट्टी है। जबकि लैटराइट मृदा सबसे कम उपजाऊ मृदा है।
7. वनस्पतिक विविधता :– भारत में अनेक प्रकार के पेड़ – पौधे पाए जाते हैं। जैसे — सदाबहार वन , मेग्रोव वन , पतझड़ वन , शुष्क वन , कटीली झाड़ियां, घास इत्यादि अलग-अलग स्थानों पर पाई जाती है।

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B . आर्थिक विविधताऐं :–

1. कृषि संबंधित विविधता :– भारत में कृषि संबंधित विविधताएं भी पाई जाती है। यहां पर कृषि करने की विभिन्न प्रणालियां जैसे — स्थानांतरित कृषि, गहन कृषि , बूंद – बूंद सिंचाई कृषि, आदि।
भारत के मध्य से कर्क रेखा गुजरने के कारण यहां पर उष्ण तथा शीतोष्ण दोनों प्रकार की फसलें वर्ष भर उगाई जाती है । यहां विभिन्न फसलें अलग-अलग स्थानों पर उगाई जाती है। जैसे — चावल , गेहूं, बाजरा, चाय, कॉफी, कपास इत्यादि ।
2. सिंचाई के साधनों की विविधता :– भारत में कृषि करने के लिए अलग-अलग स्थानों पर विभिन्न प्रकार के सिंचाई के साधनों का उपयोग किया जाता है। यहां नदियों , नहरों , तालाबों , झीलों , नलकूप , कुँआ इत्यादि के माध्यम से सिंचाई की जाती है।
3. ऊर्जा के साधनों की विविधता :– भारत में ऊर्जा की प्राप्ति के साधनों में विविधता पाई जाती है। यहां पर विभिन्न ऊर्जा के साधन जैसे — कोयला , पेट्रोलियम , जल विद्युत, सौर ऊर्जा , ज्वारीय ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा, पवन ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा,आदि ऊर्जा के साधनों के रूप में उपयोग में लाए जाते हैं।
4. खनिज संबंधित विविधता :– भारत में विभिन्न प्रकार के खनिज अलग-अलग स्थानों पर पाए जाते हैं, तथा निकाले जाते हैं । जैसे — लोहा, कोयला , जिप्सम, पैट्रोलियम, चांदी, सोना आदि खनिज पाए जाते हैं।
5. औद्योगिक विविधता :– भारत में उद्योगों की दृष्टि से विविधताएं देखने को मिलती है। यहां पर कुटीर उद्योग , लघु उद्योग तथा वृहद उद्योग पाए जाते हैं।
6. आवागमन के साधनों की विविधता :– भारत में परिवहन के साधन स्थल परिवहन, जल परिवहन , वायु परिवहन के रूप में पाए जाते हैं। स्थल परिवहन की दो रूप – सड़क परिवहन तथा रेल परिवहन पाए जाते हैं। सड़क परिवहन में ट्रक, टेंपो , बस, कार, मोटरसाइकिल, साइकिल, इत्यादि का उपयोग किया जाता है।
7. संचार के साधनों में विविधता :– भारत में विभिन्न प्रकार के संचार के साधनों के उपयोग में विविधताएँ पाई जाती है । यहां अनेक संचार के साधन जैसे — समाचार पत्र, पत्रिका, पत्र, टी.वी. इंटरनेट, टेलीफोन, मोबाइल आदि उपयोग में लाए जाते हैं ।

भारत की विविधताओं में एकता
C. जनसांख्यिकीय विविधता :– भारत जनसंख्या की दृष्टि से दूसरा बड़ा देश है । किसी भी देश में इतनी अधिक जनसांख्यिकीय विविधताएं देखने को नहीं मिलती है , जितनी भारत में पाई जाती है । यहां पर अलग-अलग धर्म, जाति, जनजाति, संप्रदाय के लोग पाए जाते हैं। भारत में अलग-अलग स्थानों पर विविध भाषाएँ, बोलियाँ, रिती- रिवाज , पहनावा , खान-पान, त्यौहार, रहन-सहन आदि पाए जाते हैं ।
यहां पर विभिन्न त्योहार जैसे — होली, दिवाली , रक्षाबंधन, दशहरा, ईद , पोंगल, ओणम, नववर्ष, बैसाखी, क्रिसमस आदि मनाए जाते हैं।

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★ भारत में विविधता में एकता :– भारत में विभिन्न प्रकार की विविधताएं पाई जाने के बावजूद भी यहाँ विविधता में एकता पाई जाती है। यहां पर विभिन्न धर्मों के लोग एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हैं, और मिलजुल कर रहते हैं। हमारी राष्ट्र की शक्ति हमारी एकता में ही निहित है। इस कारण ही भारत हजारों वर्षों से अस्तित्व में है। अतः हम कह सकते हैं कि भारत में विविधता में एकता पाई जाती है।

भारत की विविधताओं में एकता
* वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1. हमारे देश का प्राचीनतम स्थलाकृतिक स्वरूप कौन सा है ?
उत्तर दक्षिण का पठार ।
प्रश्न 2. भारत में प्रचलित विभिन्न प्रकार की कृषि में प्राथमिक रूप कौन सा है ?
उत्तर स्थानांतरित ।
प्रश्न 3. भारत में शीतकालीन मानसून जिस दिशा में चलते हैं ,वह है?
उत्तर स्थल से जल की ओर
* अति लघुत्तरात्मक प्रश्न :–
प्रश्न 1. हमारे देश में पाई जाने वाली किसी अवशिष्ट श्रेणी का नाम बताइए ?
उत्तर अरावली पर्वतमाला ।
प्रश्न 2. भारत में नवीनतम निक्षेप जिन स्थलाकृतिक प्रदेशों में पाए जाते हैं उनके नाम बताओ?
उत्तर उत्तर का मैदान ।
प्रश्न 3. भारत में हमारे देश में नवीन मोड़दार पर्वतीय क्रम से संबंधित कौन सी श्रंखला है?
उत्तर हिमालय पर्वतमाला ।

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* लघुत्तरात्मक प्रश्न :–
प्रश्न 1. हमारे देश में ऋतु के अनुसार पवनों की दिशा में वितरित परिवर्तन क्यों होता है ?
उत्तर भारत नेतृत्व में भारत की मुख्य भूमि अर्थात् स्थल भाग ताप की अधिकता के कारण यहा निम्न वायुदाब पाया जाता है , दूसरी और हिंद महासागर अर्थात् जलीय भाग पर उच्च वायुदाब होता है ।
जिसके कारण पवनें उच्च वायुदाब से निम्न वायुदाब की ओर अर्थात जल से स्थल की ओर चलती है । दूसरी ओर शीत ऋतु में इसकी विपरीत स्थिति पाई जाती है। स्थल भाग पर सर्दियों में तापमान कम होने के कारण उच्च वायुदाब तथा हिंद महासागर में निम्न वायुदाब पाया जाता है , जिससे हवाएं स्थल से जल की ओर चलती है।
प्रश्न 2. थार के मरुस्थल में ग्रीष्म ऋतु में न्यून वायुदाब क्यों विकसित होता है ?

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उत्तर भारत के पश्चिम में स्थित राजस्थान में थार के मरुस्थल में पाई जाने वाली मरुस्थलीय मृदा (बालू मिट्टी) ग्रीष्म ऋतु में ताप पाकर अधिक गर्म हो जाती है , जिस कारण तापमान की अधिकता से वहाँ निम्न वायुदाब का केंद्र विकसित हो जाता है, जिसे मानसून गर्त भी कहते हैं।

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