भारत जनसंख्या संरचना
भारत जनसंख्या संरचना
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भारत में ग्रामीण व नगरीय जनसंख्या :- भारत में जनसंख्या का सर्वाधिक प्रतिशत गांवों में निवास करती है।
जनसंख्या को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जा सकता है – (1) ग्रामीण जनसंख्या (2) नगरीय जनसंख्या
(1) ग्रामीण जनसंख्या :-
जनगणना 2011 के अनुसार भारत में कुल गांवों की संख्या 6,40,867 है।
भारत में सर्वाधिक गांव की संख्या की दृष्टि से क्रमशः राज्य – 1) उत्तर प्रदेश 2) मध्य प्रदेश 3) उड़ीसा 4) बिहार 5) राजस्थान 6) महाराष्ट्र 7) पश्चिम बंगाल।
भारत में सर्वाधिक ग्रामीण जनसंख्या की दृष्टि से क्रमशः राज्य – 1) हिमाचल प्रदेश 2) बिहार 3) असम 4) उड़ीसा 5) मेघालय 6) उत्तर प्रदेश।
नगरीय जनसंख्या :- पिछले कुछ दशकों से भारत में नगरीय जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। 2011 के अनुसार भारत में कुल नगरों की संख्या 7935 है।
भारत में सर्वाधिक नगरों की संख्या की दृष्टि से क्रमशः राज्य – 1) तमिलनाडु 2) उत्तर प्रदेश 3) मध्य प्रदेश 4) महाराष्ट्र 5) कर्नाटक।
भारत में नगरीकरण की प्रवृत्ति :- नगरीय जनसंख्या में वृद्धि होना तथा नगरों की संख्या बढ़ना नगरीकरण की प्रवृत्ति कहलाती है। भारत में पिछले कुछ वर्षों से आर्थिक विकास के साथ-साथ नगरीकरण की प्रवृत्ति बढ़ी है। जहां भारत में 1911 में 10% नगरीय जनसंख्या थी जो 2011 में बढ़कर 31.20% हो गई।
भारत में नगरीकरण की प्रवृत्ति बढ़ने के निम्नलिखित कारण है :-
1) ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का अभाव।
2) नगरों में अच्छी आधारभूत सुविधाएं होना।
3) नगरों में परिवहन तथा संचार के साधनों का विकास होना।
4) औद्योगिकरण और शिक्षा का प्रसार।
5) कृषि का अलाभकारी होना।
6) ग्रामीण क्षेत्रों में लघु उद्योग और कुटीर उद्योग समाप्त होना।
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लिंगानुपात :-
सन 2011 की जनगणना के अनुसार औसत लिंगानुपात 940 को आधार मानकर राज्यों को दो भागों में विभक्त किया जा सकता है –
1) राष्ट्रीय औसत से अधिक लिंगानुपात वाले राज्य –
केरल 1084
तमिलनाडु 995
आंध्र प्रदेश 992
पांडिचेरी 1031
लक्ष्यदीप 945
राष्ट्रीय औसत से कम लिंगानुपात वाले राज्य :-
हरियाणा 877
जम्मू कश्मीर 883
सिक्किम 889
द्वीप एवं दमन 618
दादर एवं नगर हवेली 775
चंडीगढ़ 818
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लिंगानुपात कम होने के कारण :-
(1) लड़कियों की अपेक्षा लड़कों को अधिक महत्व देना :-
भारत में अनेक सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक कारणों से लड़कों को अधिक महत्व दिया जाता है। लड़के की इच्छा के कारण जन्म से पूर्व ही लिंग परीक्षण करवाकर, कन्याभ्रूण हत्या के कारण लिंगानुपात कम हो रहा है।
(2) बाल-विवाह के कारण प्रसवकाल में महिला की मृत्यु :-
भारत में आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में बाल-विवाह अधिक होते है और कम आयु में संतान उत्पत्ति के कारण प्रसवकाल में महिला की मृत्यु हो जाती है।
(3) स्त्रियों की आर्थिक परतंत्रता :-
भारत में स्त्रियां आर्थिक दृष्टि से पुरुषों पर निर्भर रहती है। गरीबी की स्थिति में पर्याप्त स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के अभाव में कम आयु में ही मृत्यु हो जाने के कारण महिलाओं की संख्या घट रही है।
(4) बालिका शिक्षा का अभाव :-
देश में बालिका शिक्षा की कमी के कारण महिला स्वयं के साथ हुए मानसिक, शारीरिक, सामाजिक अन्याय का प्रतिरोध नहीं कर सकती है।
(5) बढ़ता नगरीकरण :-
नगरीकरण की प्रवृत्ति के कारण ग्रामीण तथा नगरीय दोनों क्षेत्रों में लिंगानुपात बिगड़ जाता है।
(6) आयु संरचना :-
जनसंख्या के अध्ययन की दृष्टि से भारत में आयु वर्गों को 3 वर्गों में बांटा जा सकता है-
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(1) किशोर वर्ग – 0 से 14 वर्ष
(2) प्रौढ़ वर्ग – 14 से 59 वर्ष
(3) वृद्ध वर्ग – 59 वर्ष से अधिक।
बाल वर्ग :- भारत में 1991 मे 36.5% जनसंख्या बाल वर्ग में थी जो 2011 में 29.5% हो गई। यह आश्रित जनसंख्या है।
प्रौढ़ वर्ग:- इस आयु वर्ग में 2011 में 62.5% जनसंख्या शामिल हुई। यह जनसंख्या कार्यशील जनसंख्या है।
वृद्ध वर्ग :- इस वर्ग में 2011 के अनुसार भारत की 8% जनसंख्या शामिल हुई। यह आश्रित जनसंख्या कहलाती है।
भारत में बाल जनसंख्या की दृष्टि से क्रमशः राज्य-
1)उत्तर प्रदेश 2)बिहार
किंतु कुल जनसंख्या में बाल जनसंख्या के प्रतिशत की दृष्टि से क्रमशः राज्य :-
1) मेघालय 2) बिहार 3) जम्मू व कश्मीर 4) झारखंड 5) राजस्थान
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साक्षरता :-
साक्षरता दर कुल जनसंख्या के उस प्रतिशत को दर्शाती है जिसमें 7 या उससे अधिक आयु के लोग दैनिक जीवन में पढ़ना-लिखना जानते हैं। भारत में 2011 के अनुसार कुल साक्षरता 74.04% है। तथा पुरुष साक्षरता 82.14% तथा महिला साक्षरता 65.46% है।
भारत में सर्वाधिक साक्षरता केरल राज्य की 93.91% है। सर्वाधिक महिला साक्षरता केरल 92% तथा पुरुष साक्षरता 96.10%केरल राज्य की है। जबकि न्यूनतम कुल साक्षरता बिहार, न्यूनतम महिला साक्षरता बिहार राज्य की है।
राज्यों के अनुसार साक्षरता :- भारत की औसत साक्षरता 74.04% है। इस आधार पर राज्यों को दो वर्गों में बांटा जा सकता है :-
(1) राष्ट्रीय औसत से अधिक साक्षरता वाले राज्य में केरल सर्वोच्च मिजोरम राज्य शामिल है राष्ट्रीय औसत से कम साक्षरता वाले राज्य में बिहार न्यूनतम साक्षरता जम्मू कश्मीर झारखंड आदि प्रमुख है साक्षरता को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं नगरीकरण समाज में स्त्रियों की स्थिति शैक्षणिक सुविधाओं की उपलब्धता यातायात तथा संचार के साधनों का विकास लोगों का जीवन स्तर तकनीकी विकास का स्तर सरकारी नीतियां अर्थव्यवस्था का प्रसार भाषा ही वर्ग भारत 1 भाषाएं विविधताओं का देश है विदेशी विद्वान ग्रियर्सन के अनुसार भारत में 1903 8i सर्वे के अनुसार 197 भाषा 544 बोलियां बोली जाती थी 1961 में भारतीय जनगणना के अनुसार 1018 भाषाएं बोली जाती है भारतीय संविधान में 22 भाषाओं को अनुसूची में शामिल किया गया है भारतीय भाषाओं को उनकी बोली तथा उत्पत्ति के आधार पर चार शंभू में वर्गीकृत किया गया है indo-european इंडियन साइनो तिब्बतन ऑस्ट्रोएशियाटिक नवी शताब्दी तक भारत में संस्कृत भाषा को राजकीय भाषा का पद प्राप्त था संस्कृत भाषा को सभी भाषाओं की जननी कहा जाता है विश्व की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा चीनी मंदिर इन सता अंग्रेजी है इसके बाद तीसरे स्थान पर हिंदी भाषा है जो सर्वाधिक बोली जाती हैं भारत में हिंदी बंगाली तेलुगु मराठी तमिल उर्दू गुजराती आदि बोली जाती हैं इसके अलावा अन्य भाषाएं जैसे कन्नड़ मलयालम ओरिया पंजाबी असमी भाषा है भारत में 1% से भी कम जनसंख्या सिंधी कोकणी मणिपुरी कश्मीरी संस्कृत नेपाली भाषा बोली जाती है 2011 की जनगणना अनुसार हिंदी मातृभाषा बोलते हैं प्रमुख भाषाओं के आधार पर भारत को 12 भाषाएं प्रदेशों में बांटा गया है धार्मिक संरचना भारत में विश्व के सर्वाधिक धर्म पाए जाते हैं विश्व की चार प्रमुख धर्मों की जन्मस्थली भारत है इसमें हिंदू बौद्ध सिख जैन धर्म है आज भी भारत में सबसे प्रमुख धर्म हिंदू है भारत में 2011 के अनुसार सर्वाधिक हिंदू जनसंख्या हिमाचल प्रदेश तथा न्यूनतम हिंदू जनसंख्या मिजोरम में पाई जाती है सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या लक्षदीप तथा न्यूनतम मिजोरम निवास करती हैं देश में सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या उत्तर प्रदेश में पाई जाती हैं प्रजातीय संगठन भारत में अनेक प्रजातियों का मिश्रण पाया जाता है विश्व काल से प्राचीन काल से समय-समय पर अन्य देशों से भारत में लोग आए प्रोफेसर पंचानन मिश्रा के अनुसार नीग्रोइड और लाइट प्रजाति का मूल स्थान भारत था भारतीय नेतृत्व शास्त्री बीएस गुहा ने 1944 में भारत के पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग के निर्देशन रहे इन्होंने भारतीय प्रजातियों का वैज्ञानिक वर्गीकरण प्रस्तुत किया और इन्हें 6 भागों में बांटा लाइट लाइट भूमध्यसागरीय वाली पश्चिमी प्रजातियां नॉर्डिक नीग्रिटो यह भारत के प्रथम मूल आदिवासी के रूप में जाने जाते हैं परंतु कुछ पश्चिमी विद्वानों के अनुसार ही है प्रजाति अफ्रीका से भारत आकर दक्षिणी प्रायद्वीप भाग के घने जंगलों में रहने लगी यह लोग कद में बहुत छोटे होते हैं इनका सिर छोटा किंतु ललाट उभरा हुआ होता है इनके बाल सुंदर और उन जैसे होते हैं यह लोग रंग में काले होते हैं सिर की बनावट गोल वह मध्यम होती है चेहरा छोटा नाक चपटी और चौड़ी होती है होंठ मोटे और बूढ़े होते हैं प्रोटो ऑस्टेनाइट वहां के अनुसार यह भारत की मूल प्रजाति है परंतु प्रोफेसर हटाने इन लोगों को भूमध्यसागरीय प्रदेश से आया हुआ बताते हुए वर्तमान में इनकी उपस्थिति मध्य तथा दक्षिण भारत के पहाड़ी वनों में मिलती है इन के बाल घुंघराले वोट बूढ़े होते हैं नाटे कद के लोग भूरे रंग के होते हैं मंगो लाइट इन का आगमन चीन तथा मंगोलिया से माना जाता है इन्हीं क्षेत्रों से आकर यह प्रजाति लद्दाख सिक्किम lahaul-spiti अरुणाचल प्रदेश नागालैंड मणिपुर मिजोरम में मिलती है भूमध्यसागरीय दक्षिणी पश्चिमी एशिया से भारत में आया हुआ मानते हैं इस प्रजाति समूह के तीन उप समूह है पूर्व भूमध्यसागरीय क्षेत्र भूमध्यसागरीय प्रजाति पश्चिमी भूमध्यसागरीय
चौड़े सिर वाली पश्चिमी प्रजातियां:-
भारत में पश्चिम से आकर इस प्रजाति के तीन समूह (1)एलपीनोइड (2) डिनारिक (3) आर्मिनोइड समूह के लोग भारत में विभिन्न हिस्सों में आकर बस गए।
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नॉर्डिक:-
यह प्रजाति भारत में सबसे अंत में आई और ईसा के दूसरी शताब्दी में देश के उत्तरी पश्चिमी भागों में बस गई।