विज्ञान कक्षा 10 अध्याय 14

विज्ञान कक्षा 10 अध्याय 14

विज्ञान कक्षा 10 अध्याय 14
1 आर्थिक वनस्पति विज्ञान किसे कहते हैं
आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण पादपों तथा उनके उत्पादों का अध्ययन आर्थिक वनस्पति विज्ञान कहलाता है
2आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण पादपों को कितने वर्गों में बांटा गया है
आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण पादपो को निम्न वर्गों में विभाजित किया जा सकता है
खाद्य पदार्थ अनाज दालें तेल मसाले पदार्थ सब्जियां फल आदि
औषधीय पादप अश्वगंधा अफीम सर्पगंधा गूगल सफेद मूसली आदि
इमारती काष्ठ एवं रेशे संबंधी पादप सागवान शीशम रोहिड़ा खेजड़ी कपास जूट आदि
3 खाद्य पादपों को कितने प्रकारों में विभाजित किया गया है
खाद्य पादपों को निम्न प्रकार से विभाजित किया गया है
गेहू टिटकम एस्टाइवम इसे रबी की फसल के रूप में उगाया जाता है इस की उन्नत किस्में Sonalika कल्याण सोना शरबती सोनार आदि है
चावल ओराइजा सैटाइवा इसे खरीफ फसल के रूप में उगाया जाता है उत्पादन की दृष्टि से भारत विश्व में प्रथम स्थान पर है इस की उन्नत किस्में बासमती स्वर्ण दाना जया रत्ना सोना आदी है
मक्का जिया मेज इसे भी खरीफ फसल के रूप में उगाया जाता है इस की उन्नत किस्में विजय शक्ति रतन आदि है
बाजरा पेनिसिस्टम टाईफाइडिस इससे भी खरीफ फसल के रूप में उगाया जाता है यह महत्वपूर्ण मोटा अनाज है
दाले यह प्रोटीन के उत्तम स्रोत है जो लेग्मिनोसी.कुछ प्रमुख दाले इस प्रकार है
चना साइसर एराइटिंनम यह रबि की फसल के उत्पादन की दृष्टि से विश्व में भारत प्रथम स्थान पर है
अरहर केजेनस केजन
मटर पाइसम सेटाइवम
मूंगफली ऐरेकिस हाइपोजिया भारत विश्व में मूंगफली का सबसे बड़ा उत्पादक है
सोयाबीन ग्लाईसीन मैक्से
तेल उत्पादक पौधे यह जटिल कार्बनिक यौगिक होते हैं हाइड्रोकार्बन एस्टर अल्कोहल एल्डिहाइड आदि के बने होते हैं
खाने योग्य तिल का तेल नारियल का तेल सोयाबीन का तेल अलसी का तेल सूरजमुखी का तेल आदि
अखाद्य तेल अरंडी का तेल तारपीन का तेल आदि
सुगंधित तेल कपूर चंदन लौंग का तेल आदि
महत्वपूर्ण मसाले काली मिर्च जीरा लाल मिर्च धनिया जीरा लौंग अजवाइन हल्दी अदरक दालचीनी इलायची
पेय प्रदार्थ चाय कॉफी बताएं उपयोग में लिए जाने वाले पदार्थ है चाय कामेलिया साइनेन्सिस पौधे की पत्तियों से तथा कॉफी काफिया अरेबिका पौधे के भुने हुए बीजों से तैयार की जाती है
सब्जियां अनाज वह दालों की भाती सब्जियां भी मानव की संतुलित आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है यह विभिन्न भागों जैसे मूल स्तंभ पर पुष्प फल बीच आदि से प्राप्त की जा सकती है
जड़ों से प्राप्त
गाजर डाकस कैरोटा
मूली रेफेनस सेटाइवस
शलजम ब्सिका रापा
शकरकंद आइपोमिया.बटाटास
स्तंभ से प्राप्त
आलू सोलेनम ट्यूबारोसम
अरबी
पणृ से प्राप्त
पालक
मेथी
बथुआ
पुष्प कर्म से प्राप्त
फूलगोभी

फल से प्राप्त
टमाटर
भिंडी
बेंगन
गवारफली
फल फल पुष्प के अंडाशय में निषेचन से बनी संरचना को फल कहते हैं कुछ प्रमुख पर इस प्रकार है
आम
केला
संतरा
अमरूद
पपीता
सीताफल
4 औषधीय पादप किसे कहते हैं
पादप के विभिन्न भागों जैसे जड़ तना कौन पुरुष फल बीज आदि में औषधीय महत्व के रासायनिक पदार्थ पाए जाते हैं इनमें से कुछ औषधीय पादप इस प्रकार है
स्तंभ से प्राप्त
हल्दी
अदरक
लहसुन
गूगल
मूल से प्राप्त
सर्पगंधा
सफेद मूसली
अश्वगंधा

छाल से प्राप्त
कुनैन
अर्जुन
से प्राप्त
ग्वारपाठा
तुलसी
बा्हमी
कस से प्राप्त
अफीम
आंवला
5 इमारती काष् ठएवं कृषि संबंधी पादप किसे कहते हैं
निर्माण संबंधी महत्व के पादप फर्नीचर खिड़की दरवाजे वस्त्र रस्सी झाड़ू गद्दे आदि के निर्माण में पादप के विभिन्न भागों का उपयोग किया जाता है कृषि एवं काष्ठ संबंधी कुछ उपयोगी पौधे इस प्रकार है
रेशम उत्पादक पौधों पादप के विभिन्न भाग को कैसे तना बीज आदि से भित्तियुक्त संरचना बनती है जिससे वस्त्र बोरे आदि बनाए जाते हैं उन्हें रेशे कहते हैं कुछ रेशे उत्पादक पादप इस प्रकार है
जूट
कपाट या रुई
सनई
नारियल
इमारती काष्ठ मानव की तीन मूलभूत आवश्यकताओं भोजन वस्त्र आवास में इमारती काष्ठ का आवास निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान बहुवर्षीय बीजपत्री अनावृतबीजी वृक्षों में बनने वाले काष्ठ कहते हैं वह काष्ठ जिससे फर्नीचर दरवाजे खिड़कियां आदि बनाई जाती है उसे इमारती काष्ठ कहते हैं कुछ प्रमुख इमारती काष्ठ उत्पादक वृक्ष इस प्रकार है
सागवान
साल
शीशम
रोहिड़ा या मारवाड़
खेजड़ी राज्य वृक्ष
देवदास
6 मधुमक्खी पालन कैसे किया जाता है
मधुमक्खी पौधों में परागण की क्रिया के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण कीट के पालन से मनुष्य को दोहरा लाभ होता है मधुमक्खी के पालन से परागण की क्रिया आसानी से होने के कारण फसल की पैदावार में बढ़ोतरी होती है मधुमक्खी से प्राप्त शहद का उपयोग मनुष्य हजारों वर्षों से करता आया है यह उच्च ऊर्जा युक्त भोज्य पदार्थ होने के साथ-साथ औषधि के रूप में भी उपयोग में लिया जाता है शुद्ध शहद लंबे समय तक नष्ट नहीं होने के कारण रक्षक के रूप में उपयोग किया जाता है प्राचीन समय से प्रकृति में मिलने वाली मधुमक्खी के छत्ते से शहद मधुमेह किया जाता है वर्तमान समय में किया जा रहा है
7 रेशम कीट पालन कैसे किया जाता है
रेशम प्राप्त करने के लिए हजारों वर्षों से हम रेशम कीट का पालन करते आए हैं ऐसी किट जो रेशम जैसा धागा उत्पन्न करते हैं उन्हें रेशम कीट कहतै हैं इनमें से शहतूत की पत्तियों पर वृद्धि करने वाले रेशम कीट की जाती बाम्बिक्स मोराई प्रमुख है यह आर्थ्रोपोडा संघ के इन्सेक्टा वर्ग के लैपीडोप्टरा गण का सदस्य है यह अच्छी गुणवत्ता की रेशम का उत्पादन करता है अंणज उत्पत्ति के बाद अंडे से लावा बाहर आ जाता है यह कैटरपिलर कहलाता है पूर्ण विकसित हो जाता है तब यह लावा की लंबाई से 5 गुना अधिक लंबी व रेशम का स्त्रावण द्रव्य के रूप में होता है जो हवा के संपर्क में आने पर कठोर हो जाता है रेशम की लावा75 सेंटीमीटर हो जाती है भोजन करना बंद कर देते हैं के पश्चात कोकून बनाना बनाना प्रारंभ कर देते हैं अपने चारों और रेशम के धागों का स्त्रावण कर स्वय पूर्णत बंद हो जाता है रेशम कीट पालन हेतु शहतूत लगाए जाने जरूरी है
8 रेशम कीट पालन सर्वप्रथम कहां हुआ मैं भारत का कौन सा स्थान है
सर्वप्रथम रेशम कीट व रेशम निर्माण की खोज चीन में की गई वर्तमान में यह भारत सहित विश्व के कई देशों में कुटीर उद्योग बन चुका है वर्तमान में चीन और जापान के बाद भारत रेशम उत्पादन के क्षेत्र में तीसरे स्थान पर है
9 प्यूपा किसे कहते हैं
रेशम कीट अपने चारों और रेशम के धागों का स्त्रावण कर स्वयं पूर्णतय बंद हो जाता है कोकून के अंदर बंद निष्क्रिय लावा प्यूपा कहलाता है
10 लाख सर्वधन से क्या तात्पर्य है
लाख कीटों की लक्ष ग्रंथि द्वारा स्त्रावित रोजिनीयुक्त शलदार प्रदार्थ को लाख कहते हैं लाख के व्यापारिक उत्पादन हेतु लाख के पालन को लाख सर्वधन कहते हैं लाख कीट का वैज्ञानिक नाम लैसीफर लैका है
11 लाख कैसे प्राप्त किया जाता है
यह छोटे आकार के रेंगने वाले शलकीय कीट है जो स्वयं द्वारा स्त्रावित लाख से बनने आवरण में बंद रहता है यह आवरण इसे सुरक्षित रखता है नर लाख कीट मादा से आकार में छोटे तथा गुलाबी रंग के होते हैं यह केवल निम्न अवस्था में ही लाख उत्पन्न करते हैं मादा लाख कीट आकार में बड़ी होती है तथा अधिक लाख उत्पन्न करती है यह मुलायम शाखाओं से चिपक कर चूसना प्रारंभ करती है तथा अपने शरीर के चारों और लाख बनाना प्रारंभ कर देती है देश में प्रति वर्ष इसकी 4 फसलें प्राप्त होती है
12 लाख उत्पादन के लिए कितनी विधियां है
लाख उत्पादन के लिए निम्न दो विधियां प्रचलित है
पुरानी देशी विधि आदिवासियों द्वारा उपयोग में ली जाने वाली है विधि बहुत प्राचीन तथा वैज्ञानिक है इसमें लाख के पौधे को काट कर ही लाख एकत्रित किया जाता है किट नष्ट हो जाने के कारण इस विधि से आगामी फसल को भारी हानि होती है
आधुनिक विधि यह एक वैज्ञानिक विधि है जिसमें आगामी फसल की ज्यादा हानि नहीं होती है क्योंकि लाख एक.साध न निकालकर बारी-बारी से निकाला जाता है इसके अनुसंधान भारतीय लाख अनुसंधान केंद्र रांची बिहार में किया जाता है
13 मछली पालन कैसे करते हैं
मछली पालन मछली एक आसानी से प्राप्त होने वाली प्रोटीन युक्त उच्च पोषक युक्त आसानी से पचने वाला भोजन स्त्रोत है मछली पालन हेतु तालाब वह जिलों में मछलियों का प्रजनन एवं उत्पादन किया जाता है वर्तमान में भारत का विश्व में समुद्री राज्य उत्पादन की दृष्टि 6 स्थान है से मछलियों का उत्पादन खारे जल की तुलना में मीठे जल में अधिक होता है मछली पालन के लिए रोहू कतला विदेशी मछलियों का उत्पादन है कुछ उद्योगों में विदेशी मछलियों उत्पादन भी किया जाने लगा है उद्योगों में विदेशी मछलियों का उत्पादन भी किया जाने लगा है जलाशय निर्माण की दृष्टि से चिकनी मिट्टी वाले स्थान को निर्माण की दृष्टि से अच्छा माना जाता है इस जलाशय का तापमान नियंत्रित करके मछलियों का अधिक उत्पादन किया जा रहा है प्राकृतिक भोजन जैसे सूक्ष्म जलीय पादप व जंतु एवं कृत्रिम जैसे चावल की भूसी गेहूं की चापड़ अनाज के टुकडे आदि का दिया जाता है
14 पशु पालन कैसे किया जाता है
पशुपालन कृषि विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत पालतू पशुओं के भोजन आवास स्वास्थ्य प्रजनन आदि का अध्ययन किया जाता है उसे पशुपालन कहते हैं भारतीय अर्थव्यवस्था में पशुपालन का विशेष महत्व है उत्पादन का सर्वाधिक योगदान है देश के कुल दुग्ध उत्पादन का 53% भैसों का 43% गायो से प्राप्त होता है दूध उत्पादन की दृष्टि से भारत विश्व में प्रथम स्थान पर है
15 डेयरी उद्योग क्या है
मानव ने प्राचीन काल से ही कुछ पशु को पालतू कर उनके दूध का अपने पोषण हेतु उपयोग करता रहा है वर्तमान में दुग्ध उत्पादन डेयरी उद्योग का एक प्रमुख में लाभकारी व्यवसाय बन गया है दूध उत्पादन की दृष्टि से बहुत अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है भैंस की कुछ अच्छी नस्लें इस प्रकार है जैसे जाफरा बादी सूखी भदावरी मेहसाना आदि इसी प्रकार गाय की कुछ अच्छी नस्ल इस प्रकार है जैसे गिर सहिवाल देवकी हरियाणा आदि कुछ राज्यों में बकरी का पालन भी दूध उत्पादन के लिए किया जाता है सिरोही बारबरी कश्मीरी पश्मीना जमनापारी बकरी की अच्छी नस्ल है
16 मुर्गी पालन कैसे करते हैं
अंडे में मांस खाने के लिए आदि काल से ही मुर्गी पालन की परंपरा रही है यह उद्योग भोज्य पदार्थ के रूप में प्रोटीन आवश्यकता के एक बड़े अंश की पूर्ति करता है विश्व में अंडा उत्पादन की दृष्टि से भारत का पांचवा स्थान है मुर्गियों की अच्छी वृद्धि एवं स्वस्थ रखने के लिए उन्हें सुरक्षित आवास तथा आवश्यक पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना अत्यंत आवश्यक है उनके भोजन में मक्का जौ बाजरा गेहूं ज्वार आदि सम्मिलित किया किए जाते हैं मुर्गी की देसी नस्ले जैसे असील करमथं बसरा चटगांव आदि विदेशी नस्ले जैसे व्हाइट लेग हार्न प्लाईमाउथ राँक आदि है
17 ऊन उद्योग क्या है
उत्तरी भारत में ऊन प्राप्त करने के लिए बड़ी संख्या में भेड़ पाली जाती है भेड़ के बालों से ऊन तैयार की जाती है उनका रंग भेड की प्रजाति तथा क्षेत्र की जलवायु पर निर्भर करता है भेड कि कुछ देसी नस्ले जैसे लोही नली मारवाड़ी पाटनवाडी आदि पाली जाती है उन उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान देश का एक महत्वपूर्ण राज्य है
28 प्रवाल एवं प्रवाल भित्तियां किसे कहते हैं
एकल या नीवही पालिपा जंतु जो सिलेन्टेटा संघ के है कैल्शियम कार्बोनेट का बना बाकंकाल स्त्रावित करते हैं जैसे कोरल या प्रवाल कहते हैं अधिकांश कोरल एन्थोजोआ वर्ग के जीवो द्वारा स्त्रावित किए जाते हैं प्रवाल निवल के पालियों केलगातार मुकुलन में समुंद्र में चुनेदार चट्टानों या कवच के बने टीले के समान रचनाएं बनती है जिसे प्रवाल भित्तियां कहते हैं
19 मोतिया मुक्ता सर्वधन किसे कहते हैं
कृत्रिम तकनीकी के माध्यम से सीपीयो को पालकर उनसे मुक्त या मोती सर्वधन कहलाता है प्राचीन काल से ही मोती रत्न तथा मणियों के रूप में मोती को एक मूल्यवान रत्न माना जाता है जिसे आयस्टर जैसे जो प्राय सफेद चमकीली गोलाकार संरचना होती है जिसे आयस्टर जैसी मोलस्क अपने कवच के नीचे स्वयं की रक्षा के लिए करते हैं यह तकनीक सर्वप्रथम जापान में विकसित की गई थी समुद्री.आयस्टर से प्राप्त किए जाने वाले लिघां मोती सबसे उत्तम माने जाते हैं स्वच्छ जल में पाए जाने वाले सीपों से प्राप्त मोती कम मूल्यवान होते हैं

 

नोट्स के लिए पाठ के नाम पर   Click करे

1 भोजन एवं मानव स्वास्थ्य

1 Food and Human Health

2 मानव तंत्र

2 human System

3 अनुवांशिकी

3 Genetics

4 प्रतिरक्षा एवं रक्त समूह

4 Immunity

5 दैनिक जीवन में रसायन

5 Chemistry in Everyday life

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6 रासायनिक अभिक्रियाएं एवं उत्प्रेरक

6 Chemical Reaction and Catalyst

7 परमाणु सिद्धांत एवं तत्वों का आवर्ती वर्गीकरण व गुणधर्म

7 Atomic Theory , Periodic  Classification and Properties of Elements

8 कार्बन व उसके योगिक

8 Carbon and its Compounds

9 प्रकाश

9 Light

10 विद्युत धारा

10 Electric Current

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11 कार्य ऊर्जा और शक्ति

11 Work Energy and Power

12 प्रमुख प्राकृतिक संसाधन

12 Main Natural Resources

13 अपशिष्ट एवं इसका प्रबंधन

13 Effects and Management of Waste

14 पादप एवं जंतुओं के आर्थिक महत्व

14 Economic Importance of Plants and Animals

15 पृथ्वी की संरचना

15 Structure of Earth

16 ब्रह्मांड एवं जैव विकास

16 Origin of Universe

17 पृथ्वी के बाहर जीवन की खोज 

17 Search of Life in Space

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18 भारतीय वैज्ञानिक जीवन परिचय एवं उपलब्धियां

18 Indian Scientist Biography and Achievements

19 जैव विविधता एवं इसका संरक्षण

19 Biodiversity and Its Conversation

20 सड़क सुरक्षा शिक्षा

20 Road Safety Education

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