राजस्थान के प्रमुख व्यक्तित्व के उपनाम

राजस्थान के प्रमुख व्यक्तित्व के उपनाम
● राजस्थान का कबीर — दादूदयाल
● राजस्थान की राधा — मीरा बाई
● राजपूताने का अबुल फजल — मुहणोंत नैणसी
( मुंहणोत नैंणसी ने “राजपूताने का इतिहास” लिखा है।)
● मरू कोकिला — गवरी बाई
मांड कोकिला — अल्लाह जिलाई बाई
● हल्दीघाटी का शेर — महाराणा प्रताप
● पत्रकारिता का भीष्म पितामह — पंडित झाबरमल शर्मा
( जोधपुर रियासत के पाकिस्तान में मिलने के कार्यों का भंडाफोड़ पंडित झाबरमल शर्मा ने किया था।)
● राजस्थान का गाँधी — गोकुलभाई भट्ट (सिरोही)
( सिरोही का विलय राजस्थान में गोकुलभाई भट्ट के प्रयासों से ही हुआ था।)
● बागड़ का गाँधी — भोगीलाल पंड्या
● राजस्थान की जलपरी — रीमा दत्ता
● डिंगल का हैराॅस — पृथ्वीराज राठौड़
(पृथ्वीराज राठौड़ , राव कल्याणमल जो बीकानेर के शासक थे, उनके पुत्र थे।)
● भारत की मोनालिसा — बनी- ठणी
( बनी-ठनी , किशनगढ़ के शासक सावंत सिंह की प्रेमिका थी।)
● मेवाड़ का उद्धारक — राणा हम्मीर (पुन: उद्धार)
( मेवाड़ का पुनरुद्धार अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के बाद राणा हम्मीर ने किया था।)
● आधुनिक राजस्थान का निर्माता — मोहनलाल सुखाड़िया
(लगातार 17 वर्षों तक राजस्थान के मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया रहे थे। इन्होंने 2 अक्टूबर 1959 को ‘पंचायतीराज’ का श्रीगणेश किया था, यह उदयपुर के थे।
आदिवासियों की बाईजी — मंजू राजपाल
राजस्थान का आदिवासियों का मसीहा — मोतीलाल तेजावत
मारवाड़ का प्रताप — राव चंद्रसेन
( राव चंद्रसेन को मारवाड़ का ‘भूला- बिसरा राजा’ और ‘प्रताप का अग्रगामी’ भी कहा जाता है। राव चंद्रसेन जोधपुर के शासक थे। इन्होंने अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की थी ,क्षऔर आजीवन मुगलोंं से युद्ध करते रहे थे।)

मेवाड़ का भीष्म पितामह — राव चूड़ा
( राव चूड़ा, राणा लाखा के पुत्र थे। जिन्होंने हंसाबाई से अपने पीता का विवाह करने से मना कर दिया था।)
कलयुग का कर्ण — राव लूणकरण
राजपूताने का कर्ण — रायसिंह (बीकानेर )
आधुनिक भारत का भागीरथ — महाराजा गंगा सिंह
गरीब नवाज — ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती
(ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती मोहम्मद गोरी के साथ भारत आए थे।)
चिड़ावा का गांधी — मास्टर प्यारेलाल गुप्ता
जोधपुर का गांधी अशोक गहलोत
राजस्थान का नृसिंह — संत दुर्लभजी
दा साहब — हरिभाऊ उपाध्याय
राजस्थान का लौह पुरुष — दामोदर दास व्यास
राजस्थान का लोक नायक तथा शेर -ए -राजस्थान
— जय नारायण व्यास
( जय नारायण व्यास को स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान ‘सिवाणा के दुर्ग’ में बंदी बनाकर रखा गया था।)
गांधी जी का पांचवा पुत्र — जमनालाल बजाज
(जमनालाल बजाज ने दक्षिण भारत में हिंदी भाषा का प्रचार किया था। यह हिंदी भाषा को ‘ईमान की भाषा’ कहते थे। 1927 में इन्होंने ‘चरखा संघ’ की स्थापना की थी। )
राजस्थान में किसान आंदोलन के जनक — विजय सिंह पथिक
(विजय सिंह पथिक का वास्तविक नाम – भूपसिंह था। इन्होंने राजस्थान में ‘सेवा संघ’ की स्थापना की थी।)
मीणाओं का मसीहा — ठक्कर बप्पा
राजस्थान की लता — सीमा मिश्रा
राजस्थान की श्रीदेवी — नीलू
शेर- ए – भरतपुर — गोकुल जी वर्मा।
राजस्थान की मेडोना — गायत्री देवी
(जयपुर रियासत की महारानी थी – गायत्री देवी, यह लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले एकमात्र प्रथम महिला थी।)
राजस्थान के शिक्षा संत — स्वामी केशवानंद
करौली का भीष्म पितामह — कुंवर मदन सिंह
(कुंवर मदन सिंह ने ‘प्रेमाश्रम’ तथा ‘ब्रह्मचर्य आश्रम’ संस्थाओं की स्थापना की थी।)
मारवाड़ का भागीरथ — गजसिंह द्वितीय
(इन्होंने रामदेवजी की पैदल यात्रा की , और पानी बचाओ आंदोलन में भाग लिया था।)

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