लेखक परिचय: ललद्यद (लल्लेश्वरी)

लेखक परिचय: ललद्यद (लल्लेश्वरी)

  1. कश्मीरी भाषा की प्रसिद्ध संत-कवयित्री
    ललद्यद, जिन्हें लल्लेश्वरी, लला, लामा योगेश्वरी और ललारिका जैसे नामों से भी जाना जाता है, कश्मीरी साहित्य की एक अद्वितीय कवयित्री थीं।
  2. जन्म स्थान और समय
    उनका जन्म 1320 ई. के आसपास कश्मीर के पास्पोर जिले के सिमपुरा गांव में हुआ था।
  3. जीवन और व्यक्तित्व
    उनके जीवन से जुड़ी प्रमाणित जानकारी उपलब्ध नहीं है। फिर भी, उनके कृतित्व और विचारों ने उन्हें लोक जीवन में अमर कर दिया।
  4. मृत्यु का समय
    ललद्यद का निधन 1390 ई. के आसपास माना जाता है।
  5. साहित्यिक शैली
    उनकी कविताओं को “वाख” कहा जाता है, जो उनकी अनूठी शैली को दर्शाती हैं।
  6. विचारधारा और योगदान
    • उन्होंने जाति और धर्म की संकीर्णताओं से ऊपर उठने की प्रेरणा दी।
    • धार्मिक आडंबरों का विरोध किया और प्रेम को सबसे बड़ा मूल्य बताया।
    • उनकी कविताएं जीवन से जुड़े गहरे सत्य और मार्गदर्शन प्रदान करती हैं।
  7. भाषा और शैली
    ललद्यद ने सरल और लोक जीवन से प्रेरित भाषा का उपयोग किया। उनकी कविताएं आधुनिक कश्मीरी भाषा का आधार मानी जाती हैं।
  8. महत्व
    उनकी रचनाएं न केवल कश्मीरी साहित्य का प्रमुख स्तंभ हैं, बल्कि मानवता के मूल्यों की अभिव्यक्ति भी हैं।
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